हरिद्वार। समाजसेवी मुस्तफा ख्वाजा ने पवित्र माहे रमजान गरीब, असहाय, निर्धन परिवारों की आर्थिक मदद करने का बीड़ा उठाया है। लगातार उपनगरी ज्वालापुर के जरूरतमंदों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। बंजारा समाज के अध्यक्ष मुस्तफा ख्वाजा ने कहा कि इंसानियत की खिदमत के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। माहे रमजान का महीना इबादत का महीना है। अल्लाह ताला बंदे एक नेकी का सत्तर गुना लाभ देता है। हमें अपने आसपास रह रहे ऐसे लोगों को चिन्हित करना चाहिए। जोकि खाने की तंगी का सामना कर रहे हैं। ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए। मुस्तफा ख्वाजा ने कहा कि पवित्र रमजान माह में जितनी भी मिस्कीनों की मदद करोगे। रब उसका अवश्य ही फायदा बंदे को देता है। उन्होंने कहा कि रोजेदार को अल्लाह की इबादत में अपना समय लगाना चाहिए। पांचों वक्त की नमाज पढ़ें, कलाम पाक की तिलावत करें। जकात, फितरा उन्हीं लोगों को दें जो उसके हकदार हों। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने आसपास के लोगों का अवश्य ख्याल रखना चाहिए जो लोग खाने की किल्लत से जूझ रहे हैं। ऐसे परिवारों की मदद माहे रमजान में करनी चाहिए। बंजारा बिरादरी लगातार सामाजिक गतिविधियों को संचालित कर रही है। समाज सेवा से ही अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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