हरिद्वार। शनिवार को धर्मनगरी में नवरात्र की धूम रही। नौ दिन तक चलने वाले नवरात्र में पहले श्रद्धालु भक्तों ने घरों में घट स्थापना की व देवी के निमित्त व्रत रखकर पूजा आराधना शुरू की। वहीं मंदिरों में विशेष अनुष्ठान शुरू किए गए। नवरात्र के पहले दिन भगवती के नौ स्वरूपों में प्रथम मां शैल पुत्री की आराधना की गयी। की। शक्ति की आराधना को समर्पित नवरात्र व्रत के पहले दिन श्रद्धालुओं ने ब्रहम् मुर्हत में स्नान आदि कर घरों में घट स्थापना की और देवी का पूजन आराधना कर कल्याण की कामना की। वहीं दूसरी और सिद्धपीठ मां मनसा देवी, मां चण्डी देवी, मां मायादेवी, श्री दक्षिण काली मंदिर में देवी भगवती के निमित्त विशेष अनुष्ठान प्रारंभ किए गए। नवरात्रों के उपलक्ष्य में सभी मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया गया है। सवेरे से ही मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालु भक्तों की लंबी कतारें लगी रही। नवरात्र के पहले दिन श्री दक्षिण काली मंदिर में निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में विशेष अनुष्ठान शुरू किया गया। नौ दिन चलने वाले विशेष अनुष्ठान में भगवती के सभी नौ स्वरूपों की विशेष पूजा की जाएगी। इस अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि देवी भगवती परम कल्याणकारी हैं। विधि विधान व नियमित रूप से भगवती का पूजन व आराधना करने से श्रद्धालु भक्तों को विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। देवी की कृपा से भक्तों के सभी संकट व कष्ट दूर हो जाते हैं। प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है और परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नौ दिन तक निरंतर चलने वाले विशेष अनुष्ठान का समापन नवमी को कन्या पूजन कर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते दो वर्ष से अनुष्ठान का आयोजन सूक्ष्म रूप से किया जा रहा था। कोरोना से राहत मिलने पर इस वर्ष भव्य रूप से अनुष्ठान किया जा रहा है। आम लोग भी अनुष्ठान मे सम्मिलित होकर मां भगवती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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