हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के इंटर्न चिकित्सकों ने मानदेय बढ़ाने को लेकर मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सांकेतिक कार्य बहिष्कार भी किया। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं सुनी गई तो वह पूर्ण रुप से कार्य बहिष्कार करेंगे। उनका कहना है एलोपैथिक प्रशिक्षु चिकित्सकों का मानदेय बढ़ा दिया गया है लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानदेय पर अभी तक कोई निर्णय सरकार ने नहीं लिया है। आयुर्वेदिक इंटर्न का कहना है कि कोरोना काल में एमबीबीएस और बीएएमएस की पढ़ाई करने वाले सभी इंटर्न ने अपना योगदान दिया। हरद्विार में ऋषिकुल एवं गुरुकुल के छात्रों ने पहले कोरोना के मरीजों का दिन-रात उपचार किया तो उसके बाद वैक्सीनेशन ड्राइव में पूरा सहयोग किया । लेकिन सरकार इन बीएएमएस के प्रशिक्षु चिकित्सकों को मिलने वाले मानदेय में भेदभाव कर रही है। शुक्रवार दोपहर ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के मुख्य गेट पर पहुंचे बीएएमएस के प्रशिक्षु चिकित्सकों ने प्रदर्शन किया। बीएएमएस के प्रशिक्षु चिकित्सक मोहित, पूजा, अभिषेक, स्वाति, नेहा, यतिनंद्रा, अंकित, गरिमा, साक्षी, निधी सिंह, शशांक, सारांश का कहना है कि एमबीबीएस के प्रशिक्षु चिकित्सकों को 17,000 रुपये का मानदेय मिलता है। वहीं, बीएएमएस के प्रशिक्षु चिकित्सकों को 7500 दिया जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि सरकार को कई बार अवगत कराने के बाद भी अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। उनकी मांग है की समान काम के लिए समान मानदेय सरकार को देना चाहिए। मांग को लेकर चिकित्सिकों ने शनिवार को ओपीडी को पूरी तरह बंद करने की बात भी कही है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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