Skip to main content

विधिक साहित्य उपलब्ध होना नितान्त आवश्यक- श्रीमहंत रविन्द्र पुरी

काॅलेज में किया विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन 


 हरिद्वार। एस.एस.एम.जे.एन. काॅलेज में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देशानुसार निःशुल्क विधिक सहायता के समुचित प्रचार-प्रसार हेतु विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी महाराज, मुख्य अतिथि  सिविल जज अभय कुमार सिंह, कालेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा, रश्मि पन्त, शालिनी बड़ोनी ने सरस्वती वंदना तथा द्वीप प्रज्जवलित कर शिविर का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि विधिक साक्षरता एवं जागरुकता के प्रसार प्रचार के लिए आवश्यक साहित्य उपलब्ध होना नितान्त आवश्यक है। कानूनी साक्षरता विषयक पुस्तिकायें तथा पत्रिकायें प्रकाशित कर नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित कर जनता में कानूनों के प्रति जागरुकता तथा रुचि उत्पन्न की जा सकती है। मुख्य अतिथि एवं सचिव विधिक जागरुकता सिविल जज अभय कुमार सिंह ने जिला विधिक प्राधिकरण के बारे में जानकारी दी और बताया कि प्राधिकरण गरीबों को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराता है। इसके लिए उन्हें एक अर्जी प्राधिकरण के कार्यालय में देनी होती है। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम द्वारा असहाय और निर्बल वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रयास किया गया है। श्री सिंह ने अपने सम्बोधन में महिला हिंसा, महिला एवं बाल उत्पीड़न, बालश्रम, साईबर क्राईम तथा पाॅक्सो की विस्तृत जानकारी दी। सहायक समाज कल्याण अधिकारी शालिनी बडोनी ने शिविर में कानूनी जानकारी तथा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि छात्रों का योगदान समाज में निराश्रितों के जीवन को नये आयाम दे सकता है। उन्होंने स्वतः रोजगार योजना के विषय में भी छात्र-छात्राओं को जानकारी दी। जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया ने छात्र-छात्राओं को कैरियर से सम्बन्धित जानकारी देते हुए अपील की कि अध्ययन के साथ-साथ उन गतिविधियों में भी हिस्सा ले जिनसे उनका आत्मविश्वास बढ़े। एआरटी सुश्री रश्मि पंत ने सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी देते हुए छात्र-छात्राओं से 18 वर्ष की आयु के बाद वाहन चलाने की अपील की। उन्होंने हेलमेट पहनने एवं बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ी नहीं चलाने की सलाह छात्र छात्राओं को दी.एसआई सुश्री अनिता शर्मा तथा एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट के राकेश कुमार ने संयुक्त रुप से कहा कि इस प्रकार के शिविरों का आयोजन न्याय पालिका का सक्रिय एवं प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने कहा कि नियम कानून हमारी सहूलियत के लिए बनाये गये हैं, इसलिए हमें इनका कड़ाई से पालन करना चाहिए। उन्होंने एस.एम.जे.एन. काॅलेज द्वारा भिक्षा नहीं शिक्षा कार्यक्रम एवं अन्य जागरुकता शिविरों की भी प्रशंसा की। काॅलेज के पूर्व छात्र अधिवक्ता रमन सैनी एडवोकेट ने नशे से सम्बन्धित कानून के बारे में बताया कि नशा व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर करता है और नशे से मुक्त होने के लिए परिवार एवं सहयोगियों का सहयोग होना जरूरी है। काॅलेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डा.संजय कुमार माहेश्वरी द्वारा किया गया। इस अवसर पर अंजना सैनी, सुनील कुमार,डा.जे.सी. आर्य, विनय थपलियाल, डा.सुषमा नयाल, डा.आशा शर्मा,डा.मोना शर्मा,वैभव बत्रा,रिंकल गोयल,रिचा मिनोचा,सुगन्धा वर्मा,डा.विनीता चैहान, आस्था आनन्द, पदमावती तनेजा, डा.पूर्णिमा सुन्दरियाल, विनीत सक्सेना,डा.प्रज्ञा जोशी, डा.विजय शर्मा सहित काॅलेज के अनेक शिक्षक व छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।


Comments

Popular posts from this blog

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस