हरिद्वार। श्री गीता विज्ञान आश्रम ट्रस्ट के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि शांति से ही सुख और संपन्नता की अनुभूति होती है। जबकि अशांति का वातावरण बर्बादी का पर्याय बनता है, संपूर्ण विश्व में शांति का वातावरण बने तभी सब का कल्याण होगा। राजा गार्डन स्थित श्री हनुमत गौशाला हनुमान मंदिर सत्संग भवन में आगामी 8 से 16 अप्रैल तक आयोजित किए जा रहे विश्व कल्याण महायज्ञ की जानकारी देते हुए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा कि सत्संग एवं धर्म शास्त्रों के अनुसरण से व्यक्ति में समरसता एवं एक दूसरे के प्रति सहानुभूति के विचार प्रकट होते हैं, जो व्यक्ति को कुमार्ग से बचाकर सन्मार्ग की ओर ले जाते हैं। संपूर्ण विश्व में बन रही विनाश की संभावनाओं को रोकने के लिए धर्म एवं धार्मिक अनुष्ठानों को उपयोगी बताते हुए उन्होंने कहा कि 2 देशों में छिड़ी वर्चस्व की जंग ने मानवता एवं धन संपदा को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। सनातन धर्म एवं संस्कृति को सन्मार्ग का प्रणेता बताते हुए कहा कि आज पूरा विश्व हमारी सभ्यता का अनुसरण कर रहा है, क्योंकि हम सर्वे भवंतु सुखिनः और विश्व कल्याण की भावना से कार्य करते हैं। भारतीय सनातन संस्कृति का पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार हो इसीलिए श्री गीता विज्ञान आश्रम ट्रस्ट प्रतिवर्ष दो-तीन बड़े-बडे धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन कर विश्व शांति एवं विश्व कल्याण की कामना करता है। आगामी 8 अप्रैल को कनखल के राजा गार्डन स्थित हनुमत धाम में भव्य शोभायात्रा का आयोजन होगा तथा 9 से 15 अप्रैल तक श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह मनाया जाएगा। जबकि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के उपलक्ष में संत सम्मेलन के माध्यम से विश्व शांति एवं विश्व कल्याण का संदेश संत महापुरुषों के श्रीमुख से प्रवाहमान होगा।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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