हरिद्वार। वादकारियों को निष्पक्ष न्याय दिलाने के लिए उचित विचारण महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। जिला अधिवक्ता परिषद के आयोजित स्वाध्याय मंडल में वकीलों ने कानूनी प्रक्रिया पर अपने विचार रखें। शुक्रवार को डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हॉल में जिला अधिवक्ता परिषद की हरिद्वार इकाई ने स्वाध्याय मण्डल आयोजित किया। स्वाध्याय मंडल के माध्यम से नवांगतुक अधिवक्ता और जूनियर प्रेक्टिशनर को कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। स्वाध्याय मंडल के मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभाकर गुप्ता ने बताया कि न्यायालय में किसी मामले का विचारण के कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नवांगतुक अधिवक्ताओं को केस से संबंधित तथ्यों के अतिरिक्त विधि का ज्ञान होना भी जरूरी है। अन्यथा, विधि के ज्ञान के अभाव में अधिवक्ता वादकारी के केस में सही पैरवी व बचाव नही कर सकते हैं। इसलिए प्रत्येक अधिवक्ता को विधि का ज्ञान होना आवश्यक है। शासकीय अधिवक्ता नीरज कुमार गुप्ता ने कई उदाहरण देकर कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी। स्वाध्याय मंडल की अध्यक्षता कर रहे परिषद के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि कोई भी वरिष्ठ अधिवक्ता बनने से पहले नवांगतुक अधिवक्ता के रूप में वकालत की तैयारी करता है। ऐसी स्थिति में नवांगतुक अधिवक्ता को वरिष्ठ वकीलों से कानूनी पहलुओं के बारे में बातचीत करने से संकोच नहीं करना चाहिए। बल्कि, नवांगतुक अधिवक्ताओं को हमेशा ही वरिष्ठ अधिवक्ता के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। स्वाध्याय मंडल का संचालन जिला महामंत्री नितिन गर्ग ने किया। स्वाध्याय मंडल की जिला प्रभारी प्रियंका वर्मा चैहान एडवोकेट ने स्वाध्याय मंडल की उपयोगिता व उसके लाभ के विषय में अपने विचार रखकर सभी वक्ताओं व अधिवक्ताओं का आभार जताया। स्वाध्याय मंडल में तेजेन्द्र गर्ग, एसके भामा,सुधाकर सिंह, रोहित कंवाल, अशोक अग्रवाल,जमना कौशिक, रुचि अरोड़ा,सागर कुमार, सौरभ चैहान व ब्रजेश कटारिया आदि उपस्थित रहे
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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