हरिद्वार। भूपतवाला स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर में चल रहे नवरात्रि अनुष्ठान के सातवें दिन मंदिर के महंत गंगोत्री दास व मियां विंड अमृतसर से पधारे योगी छोटू नाथ के सानिध्य में मां भगवती के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना व कन्या पूजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को नवरात्रों के महत्व से अवगत कराते हुए महंत गंगोत्री दास ने कहा कि वर्ष में दो बार होने वाले नवरात्र देवी भवगती की कृपा प्राप्त करने का पर्व हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्र के नौ दिनों में प्रतिदिन देवी भगवती के नौ स्वरूपों में से एक स्वरूप की पूजा आराधना की जाती है। सातवें नवरात्र को मां कालरात्रि का पूजन किया जाता है। मां कालरात्रि जीवन के कठिन क्षणों में भी आशा और विश्वास की ज्योति जलाए रखने का संदेश देती है और प्रत्येक संकट से अपने भक्तों की रक्षा करती है। सभी को पूर्ण विधि विधान व श्रद्धाभाव से नवरात्र व्रत कर देवी भगवती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। योगी छोटू नाथ ने कहा कि नवरात्र सनातन धर्म में मनाए जाने वाले सभी पर्वो में प्रमुख पर्व है। देवी भगवती की आराधना को समर्पित नवरात्र व्रत करने से समस्त रोग, शोक दूर हो जाते हैं। तामसिक व नकारात्मक विचार दूर होते हैं। सात्विक विचारों का उदय होता है। जिससे जीवन में आगे बढ़ने के लिए देवी भगवती की कृपा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में कन्याओं को देवी स्वरूपा माना गया है। इसलिए नवरात्रि को सार्थकता प्रदान करने के लिए कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी अवश्य लेना चाहिए। इस अवसर पर चण्डीगढ़ से आए वेदप्रकाश पंडत, प्रिंस नाथ, धर्मनाथ सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
हरिद्वार। भूपतवाला स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर में चल रहे नवरात्रि अनुष्ठान के सातवें दिन मंदिर के महंत गंगोत्री दास व मियां विंड अमृतसर से पधारे योगी छोटू नाथ के सानिध्य में मां भगवती के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना व कन्या पूजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को नवरात्रों के महत्व से अवगत कराते हुए महंत गंगोत्री दास ने कहा कि वर्ष में दो बार होने वाले नवरात्र देवी भवगती की कृपा प्राप्त करने का पर्व हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्र के नौ दिनों में प्रतिदिन देवी भगवती के नौ स्वरूपों में से एक स्वरूप की पूजा आराधना की जाती है। सातवें नवरात्र को मां कालरात्रि का पूजन किया जाता है। मां कालरात्रि जीवन के कठिन क्षणों में भी आशा और विश्वास की ज्योति जलाए रखने का संदेश देती है और प्रत्येक संकट से अपने भक्तों की रक्षा करती है। सभी को पूर्ण विधि विधान व श्रद्धाभाव से नवरात्र व्रत कर देवी भगवती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। योगी छोटू नाथ ने कहा कि नवरात्र सनातन धर्म में मनाए जाने वाले सभी पर्वो में प्रमुख पर्व है। देवी भगवती की आराधना को समर्पित नवरात्र व्रत करने से समस्त रोग, शोक दूर हो जाते हैं। तामसिक व नकारात्मक विचार दूर होते हैं। सात्विक विचारों का उदय होता है। जिससे जीवन में आगे बढ़ने के लिए देवी भगवती की कृपा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में कन्याओं को देवी स्वरूपा माना गया है। इसलिए नवरात्रि को सार्थकता प्रदान करने के लिए कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी अवश्य लेना चाहिए। इस अवसर पर चण्डीगढ़ से आए वेदप्रकाश पंडत, प्रिंस नाथ, धर्मनाथ सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
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