हरिद्वार। एसएमजेएन (पीजी) कॉलेज में विश्व पृथ्वी दिवस पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि मनुष्य जीवन के लिए सभी आधारभूत संसाधनों से भरी हुई है। हमें उन संसाधनों को बचाने की आवश्यकता है। पृथ्वी पर कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पृथ्वी बचाओ अभियान बहुत महत्वपूर्ण सामाजिक जागरुकता अभियान है। उन्होंने छात्र-छात्राओं व शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और अन्य पर्यावरणीय समस्याओं की दर लगातार बढ़ रही है। इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए सभी गलत प्रचलनों को रोकना बहुत आवश्यक है। गुजरात एजुकेशनल एवं इकोनॉक्सि सोसायटी के चैयरमेन विमल उपाध्याय ने कहा कि विषाक्त वातावरण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, वनों का उन्मूलन और अन्य बहुत से पर्यावरणीय मुद्दों के कारण पृथ्वी के स्वस्थ जीवन के अस्तित्व के लिए वर्तमान परिस्थितियां बहुत ही चुनौतीपूर्ण हैं। बहुत से आसान तरीकों को अपनाकर हम अपने ग्रह को बचा सकते हैं। प्राचार्य डा. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि पृथ्वी के संरक्षण में लगाया गया समय एक ऐसा निवेश है जो न कि सिर्फ वर्तमान पीढ़ी अपितु आने वाले पीढ़ियों को भी जीवन से सम्बन्धित आवश्यक संसाधन उपलब्ध करायेगा। डा. बत्रा ने कहा कि हमें अपनी पृथ्वी और वातावरण को अपशिष्टों, प्लास्टिक, कागज, लकड़ी आदि की मात्रा को कम करने के लिए कपड़े, खिलौने, फर्नीचर, किताबें आदि के पुनः प्रयोग की आदत को डालना चाहिए। प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के स्तर को बढ़ाने में शामिल गलत गतिविधियों को हमें रोकना चाहिए। डॉ. विजय शर्मा ने पारिस्थितिक तंत्र को समझाते हुए पृथ्वी के बहुमूल्य उपहार को सतत विकास से जोड़ा। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. संजय माहेश्वरी ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी में निर्मल पंचायती अखाड़ा के महंत कश्मीर सिंह, महंत जगजीत सिंह शास्त्री, महंत प्रेम सिंह, पुनीत सोबती, पुलकित शुक्ला, डा.सरस्वती पाठक, डा. जेसी आर्य,डा.सुषमा नयाल,डा.मोना शर्मा,डा. आशा शर्मा,अन्तिम त्यागी, विनीत सक्सेना, डा. पूर्णिमा सुन्दरियाल,डा.पदमावती तनेजा,डा.प्रज्ञा जोशी,डा.पुनीता शर्मा, प्रिंस श्रोत्रिय,डा.विजय शर्मा आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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