हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों ने कुलपति डॉ.सुनील जोशी द्वारा अपील के बाद बुधवार को तालाबंदी नहीं की, लेकिन अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे। बुधवार को आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति मौके पर पहुंचे। वार्ता के बाद प्रशिक्षु चिकित्सक गेट पर लगे ताले को खोलने पर राजी हो गए। वार्ता के दौरान मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट ने भी प्रशिक्षु चिकित्सकों को तालाबंदी न करने की हिदायत दी। आयुर्वेद के प्रशिक्षु चिकित्सकों ने अपने 7500 के मानदेय को एमबीबीएस प्रशिक्षु चिकित्सकों के बराबर 17000 करने की मांग को लेकर सोमवार को शांतिपूर्ण धरना शुरू कर दिया था। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने सोमवार को यह एलान कर दिया था कि यदि उनकी मांग पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो वह तालाबंदी जैसे निर्णय से पीछे नहीं हटेंगे। मंगलवार को प्रशिक्षु चिकित्सकों ने आयुर्वेदिक कालेज के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी थी। जिसके चलते आयुर्वेदिक कालेज परिसर में स्थित चिकित्सालय की ओपीडी ठप हो गई थी। मंगलवार शाम को भी आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील जोशी प्रशिक्षु चिकित्सकों को मनाने पहुंचे थे। तब प्रशिक्षु चिकित्सक वीसी के आश्वासन के बाद भी नहीं माने थे। बुधवार सुबह वीसी फिर से प्रशिक्षु चिकित्सकों को मनाने पहुंचे। वार्ता के दौरान प्रशिक्षु चिकित्सक अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद कुलपति ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि प्रशिक्षु डाक्टर धरना दें लेकिन तालाबंदी कर ओपीडी को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। जिसके बाद प्रशिक्षु चिकित्सकों ने गेट का ताला खोल दिया। डॉ. सुनील जोशी का कहना है कि मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय स्तर से शासन से पत्राचार किया जा चुका है। मानदेय बढ़ने का फैसला शासन स्तर पर लिया जाना है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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