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श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से होता है उत्तम चरित्र का निर्माण-स्वामी कमलानंद गिरी

 हरिद्वार। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है और उसके जीवन के सभी कष्ट दूर होकर अध्यात्मिक व अलौकिक विकास होता है। उक्त उद्गार भूपतवाला स्थित कमल कल्याण आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि महाराज ने आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में सभी ग्रंथों का सार निहित है और इसका फल हजारों अश्वमेघ और वाजपेई यज्ञ से भी अधिक है। इसका पठन और श्रवण दोनों ही सुलभ हैं और कथा की सार्थकता तभी है। जब हम इसमें निहित ज्ञान को अपने जीवन में अपनाकर उसे अपने व्यवहार में शामिल करें। स्वामी कमलानंद गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा साक्षात भगवान कृष्ण की वाणी है। जिससे श्रवण से भगवान श्री हरि की कृपा असीम रूप से भक्तों पर बरसती है और भक्तों के मन के साथ-साथ अंतः करण की भी शुद्धता हो जाती है। देवभूमि उत्तराखंड और हरिद्वार की पावन धरा पर कथा श्रवण का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। वास्तव में सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही भागवत दर्शन अवसर प्राप्त होता है। युगों युगों के पुण्य उदय होने पर व्यक्ति के जीवन में यह अवसर आता है जब उसे श्रीमद् भागवत श्रवण का अवसर प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि हम सभी को भगवान की भक्ति में लीन होकर सत्य के मार्ग को अपनाना चाहिए। सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों को प्रभु श्री हरि अपनी कृपा का पात्र बना लेते हैं।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।