हरिद्वार। निराला धाम की अध्यक्ष राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा है कि नवरात्रि पर्व में देवी भगवती की आराधना से मां के नौ स्वरूपों का आशीर्वाद साधक को प्राप्त होता है जो श्रद्धालु भक्त मां की शरण में आ जाता है। मां उसके सभी कष्टों को दूर कर उसे मनवांछित फल प्रदान करती है। भूपतवाला स्थित निराला धाम आश्रम में नवरात्रि की सप्तमी पर श्रद्धालु भक्तों को मां की महिमा का सार समझाते हुए राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि हम सभी को मां की उपासना अवश्य करनी चाहिए। शक्ति स्वरूपा देवी भगवती संसार की पालनकर्ता हैं जो अपने भक्तों का संरक्षण कर उन्हें सुख समृद्धि प्रदान करती हैं। वास्तव में नवरात्र पर्व स्वयं को मां की कृपा का पात्र बनाने का पर्व है। जो व्यक्ति इस बात को समझ लेता है। उसकी अंतःकरण की शुद्धि तो होती ही है साथ ही जीवन उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा एक महान संत थे। जिनकी प्रेरणा से प्रतिवर्ष आश्रम में नवरात्र पर्व धूमधाम से मनाया जाता है और देवी स्वरूपा कन्याओं की पूजा की जाती है। उन्होंने बताया कि विश्व कल्याण के लिए 11 ब्राह्मणों द्वारा आश्रम में यज्ञ अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है। जिसकी पूर्णाहुति पर नवरात्रि पर्व संपन्न होगा और देश में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलजुल कर बालिकाओं के संरक्षण संवर्धन के प्रति जागरूक रहकर औरों को भी इसके लिए प्रेरित करना होगा तभी एक सशक्त समाज का निर्माण हो सकता है। राजमाता आशा भारती के कृपा पात्र शिष्य स्वामी नित्यानंद ने बताया कि आश्रम का 13वां वार्षिक महोत्सव 15 से 17 अप्रैल तक निराला धाम मंदिर पानीपत में मनाया जाएगा। जिसमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी आदि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होंगे। वार्षिक महोत्सव में सुंदर कांड का पाठ व संतों के प्रवचन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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