हरिद्वार। चंडी चैदस के अवसर पर नील पर्वत स्थित सिद्ध स्थल मां चंडी देवी मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया और मां की आरती कर विश्व कल्याण की कामना की गई। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि चंडी चैदस पर मां चंडी देवी की विशेष कृपा भक्तों पर बरसती है। मां चंडी देवी अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों का कल्याण कर सुख समृद्धि प्रदान करती है। जो श्रद्धालु भक्त मां की आराधना करता है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि मां के दरबार में पूरे विश्व के श्रद्धालु भक्त अपने मन में जो भी मुराद लेकर आते हैं। मां चंडी देवी अपने प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों का संरक्षण कर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है। मां के प्रति समर्पण और श्रद्धा भक्तों का बेड़ा पार लगाती है। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि मां चंडी देवी करुणा की मूर्ति हंै। देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरा हरिद्वार आने वाले सभी श्रद्धालु भक्तों को मां के दर्शन अवश्य करने चाहिए। जो श्रद्धालु भक्त अपने परिवार के साथ मां के दर्शन को आते हैं। उनके घरों में सदैव ही लक्ष्मी का वास होता है और पूरे परिवार पर मां की कृपा बनी रहती है। ऐसा करने से बच्चों में भी धर्म और संस्कृति के प्रति संस्कार जागृत होते हैं और प्रत्येक व्यक्ति मां की कृपा का पात्र बन जाता है। इस अवसर पर पंडित पंकज रतूड़ी,पंडित राजेश कुकसाल,पंडित रोहित डबराल, पंडित नवल कस्टबाल,पंडित अमित बेलवाल,संजय कश्यप,विशाल कश्यप,मोहित राठौर, मोगली, मनोज कुमार आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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