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योग एवं वैदिक जीवन शैली को अपना कर ही इस समय स्वस्थ रहा जा सकता

 हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय द्वारा योग एवं वैदिक चिकित्सा पद्धतियां विषय को लेकर आयोजित छह दिवसीय कार्यशाला का सोमवार को शुभारंभ हुआ। कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि योग के मूल सिद्धांत वेदों में समाहित हैं। वैदिक जीवन पद्धति के प्रसार एवं प्रचार से ही मानवता को रोग मुक्त रखा जा सकता है। योग को शिक्षा जगत में स्थापित करने का श्रेय केवल गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को जाता है। इससे पहले उद्घाटन सत्र में प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज ने कहा कि योग एवं वैदिक जीवन शैली को अपना कर ही इस समय स्वस्थ रहा जा सकता है। वर्तमान जीवनशैली में स्वास्थ्य को बनाये रखने की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र कुमार ने कहा कि कार्यशाला प्रयोगात्मक ज्ञान के लिए आवश्यक होती है। यह कार्यशाला हमें वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को सीखने एवं व्यावहारिक जीवन में इसके उपयोग के लिए हमें प्रशिक्षित करेगी। कार्यशाला के संयोजक डॉ ऊधम सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में योग एवं भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर लोगों का विश्वास बढ़ता जा रहा है। सप्ताह भर चलने वाली कार्यशाला में मर्म चिकित्सा, यज्ञ चिकित्सा, एक्युप्रेसर, आयुर्वेद के अनुसार खानपान आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इस कार्यशाला में मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों से प्रातिभागी आए हुए हैं। इस अवसर पर प्रोफेसर सत्यदेव,डॉ योगेश्वर,डॉ राजीव,डॉ निष्कर्ष शर्मा,डॉ. संदीप,डॉ सत्यानंद, दीपक आनंद,उदित,धर्मेंद्र, मोहन,जोगेंद्र आदि उपस्थित रहे।


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