हरिद्वार। कनखल स्थित सिंधी पाठशाला जूनियर हाई स्कूल का 102वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। वार्षिकोत्सव में बच्चों ने गणेश वंदना, स्वागत गीत, नृत्य, नाटक, पंजाबी डांय, योग अभ्यास आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का शुभारंभ महंत जगजीत सिंह, सिंधी पाठशाला के चेयरमैन मेघराज जेसवानी, उप चेयरमैन पहिलाज राय, दुर्गादास, ईश्वर दास ने किया। संचालन तनु वर्मा, शालिनी शर्मा ने किया। इस अवसर पर निर्मल संतपुरा आश्रम के अध्यक्ष महंत जगजीत सिंह ने कहा कि सिंधी पाठशाला शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से अनुकरणीय कार्य कर रही है। हजारों बच्चे पाठशाला से शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना सब कुछ अधूरा है। शिक्षा से ही मनुष्य को अच्छे बुरे की पहचान होती है। शिक्षा के बिना मनुष्य वैसे ही अधूरा है, जैसे जल बिन मछली की स्थिति होती है। ऐसे में हर व्यक्ति को शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़कर समाज को एक नयी दिशा देनी चाहिए। स्वामी श्यामानंद भारती आश्रम सिंधी पाठशाला के चेयरमैन मेघराज जेसवानी ने कहा कि सिंधी पाठशाला जूनियर हाई स्कूल की स्थापना समाज को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से की गई थी। आज ये उद्देश्य काफी हद तक पूरा हो रहा है। गणेश वंदना आकांक्षा, वेलकम सोंग आकांक्षा, दीक्षा, सिद्धि, तानिया, अक्षिता, गढ़वाली डांस आरुषि, अक्षिता, जाह्नवी, प्रीति, दीक्षा ने प्रस्तुत किया। जबकि योगा का वर्तिका,गरिमा,गायत्री,वृद्धि,मानवी, वैष्णवी ने अभ्यास किया। पंजाबी डांस रिद्धि,सिद्धि, परी, नैना,इशिका ने प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। संस्था द्वारा सभी प्रतिभागी बच्चों को सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रबंधक अश्वनी कुमार,दुर्गादास,ईश्वरदास,केशव दास,आचार्य मुकेश बहुखंडी,शिक्षिका शालिनी शर्मा, पल्लवी, साक्षी,तनु वर्मा, प्रियंका,पूनम चंद्रा,श्रद्धा,रानी आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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