हरिद्वार। नाबालिग लड़की का अपहरण, षड्यंत्र रचने और पॉक्सो एक्ट के मामले में विशेष पॉक्सो कोर्ट न्यायाधीश अंजली नौनियाल ने आरोपी दो महिलाओं समेत छह लोगों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 3-3 वर्ष का कारावास और 25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता आदेश चंद चैहान ने बताया कि चार अगस्त 2014 में कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में पीड़िता अपनी माता के साथ बाजार गई थी। जहां अभियुक्त फुरकान और उसका भाई जीशान रास्ते में बहला-फुसलाकर उसे उठाकर ले गए थे। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन को ले जाते हुए कई व्यक्तियों ने देखा था। उन्हीं व्यक्तियों ने शिकायतकर्ता को उसकी नाबालिग बहन को भगाने में सहयोग करने में शामिल आरोपी नफीसा, इस्लामन, गुड्डू उर्फ सलमान और खलीक के नाम बताए थे। पीड़िता को अभियुक्त खलीक के घर से बरामद किया गया था। इसके बाद पीड़ित लड़की के शिकायतकर्ता भाई ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में संबधित धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने केस की विवेचना के बाद अभियुक्तगण फुरकान और उसके भाई जिशान पुत्रगण मुंतियाज मौहल्ला सोनिया बस्ती कोतवाली ज्वालापुर के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। सरकारी अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद अभियुक्तगण नफीसा पत्नी इस्लाम, इस्लामन पत्नी मुंतियाज गुड्डू उर्फ सलमान पुत्र मुंतियाज निवासी गण मौहल्ला सोनिया बस्ती ज्वालापुर और खलीक पुत्र खलील निवासी मौहल्ला अहबाब नगर ज्वालापुर पर केस विचारण के आदेश दिए थे। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में नौ गवाह पेश किए।विशेष जज पॉक्सो कोर्ट ने विचारण के दौरान पीड़िता, उसके पिता व माता को झूठे साक्ष्य देने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने स्थानीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को तीनों पर कोर्ट में झूठे साक्ष्य देने का मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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