हरिद्वार। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भेल स्थित डा.भीमराव अंबेडकर भवन बुद्ध जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुजुर्ग, युवा एवं बच्चे शामिल हुए। धूमधाम से आयोजित किए गए जयंती कार्यक्रम में बौद्ध आचार्य करम सिंह ने बौद्ध धर्म की नीति व्यवस्था के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान बुद्ध को सभी धर्मों में सर्वोपरि माना जाता है। विश्व के सभी देशों में मानवता व आधारभूत जीवन मूल्यों में विश्वास रखने वाले बौद्ध धर्म का अपनाया गया है। डा.भीमराव अंबेडकर ने 1956 में नागपुर में कई लाख जनसमूह के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। सीपी सिंह ने कहा कि करूणा के सागर भगवान बुद्ध की शिक्षाएं व उपदेश सदैव प्रासंगिक रहेंगे। सभी को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं व उपदेशों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। कार्यक्रम के पश्चात सभी लोगों को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर भंते सील सागर,अशोक कटारिया,मनजीत सिंह,सीपी सिंह,प्रवीण कुमार बौद्ध, अरुण कुमार बौद्ध,अरुण कुमार,अमरजीत सिंह,प्रेमचंद,शिमला,अजय कुमार,डा.पवन कुमार, प्रोफेसर देवेंद्र सिंह,मोकम सिंह,बृजेश कुमार,कुलदीप सिंह,रविकांत बंधु,राजेश कुमार.,प्रीति भास्कर,शर्मिष्ठा देवी,सत्येंद्र सिंह,कमल सिंह,सरवन कुमार,किरणपाल,गीता देवी,धर्मेंद्र कुमार, रामधन सिंह,योगेंद्र सिंह,पवन कुमार,नाथीराम,जितेंद्र प्रसाद,दीपक रावत,सुनील कुमार,मेहर सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
हरिद्वार। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भेल स्थित डा.भीमराव अंबेडकर भवन बुद्ध जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुजुर्ग, युवा एवं बच्चे शामिल हुए। धूमधाम से आयोजित किए गए जयंती कार्यक्रम में बौद्ध आचार्य करम सिंह ने बौद्ध धर्म की नीति व्यवस्था के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान बुद्ध को सभी धर्मों में सर्वोपरि माना जाता है। विश्व के सभी देशों में मानवता व आधारभूत जीवन मूल्यों में विश्वास रखने वाले बौद्ध धर्म का अपनाया गया है। डा.भीमराव अंबेडकर ने 1956 में नागपुर में कई लाख जनसमूह के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। सीपी सिंह ने कहा कि करूणा के सागर भगवान बुद्ध की शिक्षाएं व उपदेश सदैव प्रासंगिक रहेंगे। सभी को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं व उपदेशों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। कार्यक्रम के पश्चात सभी लोगों को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर भंते सील सागर,अशोक कटारिया,मनजीत सिंह,सीपी सिंह,प्रवीण कुमार बौद्ध, अरुण कुमार बौद्ध,अरुण कुमार,अमरजीत सिंह,प्रेमचंद,शिमला,अजय कुमार,डा.पवन कुमार, प्रोफेसर देवेंद्र सिंह,मोकम सिंह,बृजेश कुमार,कुलदीप सिंह,रविकांत बंधु,राजेश कुमार.,प्रीति भास्कर,शर्मिष्ठा देवी,सत्येंद्र सिंह,कमल सिंह,सरवन कुमार,किरणपाल,गीता देवी,धर्मेंद्र कुमार, रामधन सिंह,योगेंद्र सिंह,पवन कुमार,नाथीराम,जितेंद्र प्रसाद,दीपक रावत,सुनील कुमार,मेहर सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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