हरिद्वार। श्रीहरि देव अंतरराष्ट्रीय सेवा संघ के बैनर तले समान नागरिक सहिंता और जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर बड़ी संख्या मे कार्यकत्र्ताओं ने हरिद्वार से दिल्ली तक पदयात्रा शुरु की। इससे पहले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंत्री हरि गिरी की मौजूदगी में मंत्रोच्चारण और विधि विधान के साथ संघ ने जन जागरूक पद यात्रा की शुरूआत की गई। अपनी पद यात्रा के दौरान हरिद्वार से दिल्ली तक सेवा संघ से जुड़े लोग सभी धर्मों के लोगों को समान नागरिक संहिता और जनसंख्या कानून बनाने के लिए जागरूक करेंगे। ताकि देश में बढ़ती जनसंख्या के लिए कानून बनाया जा सके और एक देश एक कानून देश मे लागू हो सके। इस संबंध मे प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में संघ पदाधिकारियों ने कहा कि दोनों मांगों को लेकर दिल्ली में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा। संघ के राष्ट्रीय संरक्षक जयदेव पराशर ने बताया समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए देश में सभी धर्मों के लोगों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। हमारे देश में धर्म के हिसाब से कानून बनाए गए हैं जो गलत है। एक देश में कानून भी एक ही होना चाहिए। समय के साथ अब बदलते परिवेश में इन कानूनों में बदलाव लाने की जरूरत है। देश में बढ़ती जनसंख्या को भी नियंत्रित करने की जरूरत है। देश में बढ़ती जनसंख्या के कारण कई समस्याए पैदा हो रही है। जल, जंगल जमीन घट रहे हैं। रोटी कपड़ा मकान की समस्या बढ़ रही है। गरीबी और बेरोजगारी बढ़ रही है। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना अति आवश्यक है।संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अश्वनी गौड़ ने कहा कि संगठन का मुख्य उद्देश लोगों में जन जागरण पैदा करना है। संगठन द्वारा देश के विकास उन्नति और तरक्की एवं एक देश एक कानून व जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। पदयात्रा में सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं और राष्ट्रवादी विचारधारा के व्यक्तियों को सम्मिलित किया गया है। पदयात्रा रुड़की, मुज्जफरनगर, मेरठ, बागपत होती हुई 12 मई को दिल्ली पहुंचेगी। इस दौरान सभी धर्मों के लोगों को नए कानून बनाने के प्रति जागरूक किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में रतन लाल चैधरी, के एम जिंदल, मंजू, डॉ. विंध्या गुप्ता आदि शामिल हुए।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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