हरिद्वार। महान क्रांतिकारी अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन की जयंती पर आप कार्यकर्ताओ ने पार्टी कार्यालय पर उन्हें याद करते हुए जयंती मनाई। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश शर्मा ने श्रीदेव सुमन के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि श्रीदेव सुमन ने राजशाही के खिलाफ आंदोलन करते हुए शहादत दी। वह उत्तराखण्ड के पहले आंदोलन क्रांतिकारी थे। मात्र 29 वर्ष की आयु में टिहरी रियासत और अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ते हुए 84 दिन के कठिन आमरण अनशन के बाद उन्होंने शहादत दी। श्रीदेव सुमन एक क्रांतिकारी नेता के साथ समाज सुधारक भी रहे। जिन्हें गढ़वाल का भगत सिंह भी कहा जाता है। उन्होंने कहा था कि यदि मरना ही है तो अपने सिद्धांतों और विश्वास की सार्वजनिक घोषणा करते हुए मरना ही श्रेयस्कर है। श्रीदेव सुमन जैसे वीर क्रांतिकारी बलिदानी आज ये युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। पूर्व प्रभारी संजय सैनी के कहा कि उत्तराखण्ड की धरती में एक ऐसे महान क्रांतिकारी बलिदानी स्वतंत्रता सेनानी के साथ साथ पत्रकार और जननायक ही नही बल्कि टिहरी की ऐतिहासिक क्रांति के महानायक थे। आप नेता अनिल सती ने कहा कि उनकी शहादत व्यर्थ नही गयी। अपने जीते जी न सही अपनी शहादत के बाद वह अपने मकसद को पूरा कर गए। उनकी शहादत का इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उनके बलिदान के बाद टिहरी राज्य आंदोलन और तेज हो गया। जनता ने राजशाही का खुला विद्रोह कर दिया जिसके परिणामस्वरूप टिहरी रियासत को प्रजामंडल को वैधानिक करार करने पर मजबूर होना पड़ा। ऐसे महान क्रांतिकारी समाजसेवी बलिदानी नेता को कोटि कोटि नमन करते है। इस अवसर पर नरेश शर्मा,संजय सैनी,अनिल सती,श्रवण गुप्ता,डा. यूसुफ, खालिद हसन, संजू नारंग,मयंक गुप्ता,सेवाराम,प्रवीण कुमार,आशीष गौड़,पवन कुमार,एड्वोकेट शहजाद,अशोक कुमार, किरण पाल सिंह,सुखपाल सिंह, खलील राणा,शमशाद,मोतिन अब्बासी,शमसाद मालिक, संजय गौतम आदि दयाराम मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment