हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकिशन महाराज ने कहा है कि ब्रह्मलीन माता वैद्या पुष्पावती का जीवन सादगी और उदारता से परिपूर्ण था। मनोबल की धनी साहसी कर्म निष्ठ योगिनी के रूप में उन्होंने जीवन भर परोपकार को अंगीकार करके रखा। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। देशरक्षक चैक स्थित पुष्पा सदन में ब्रह्मलीन माता वैद्या पुष्पावती की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सतत स्वाध्याय उनका आभूषण था और सहनशीलता उनके संपूर्ण जीवन की शक्ति धारा। जिसके सहारे उन्होंने जीवन के प्रत्येक अवरोध को पार किया और असंख्य असहाय की संबल बनकर उन्हें श्रेष्ठता से जोड़ती रही। ऐसी महान विभूति का परलोक को गमन करना समाज एवं राष्ट्र के लिए पुण्यतिथि है। बाबा हठयोगी एवं स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि महर्षि स्वामी दयानंद की चेतना माता पुष्पावती के प्रत्येक सांस में बसी थी। वह एक कुशल एवं मर्मज्ञ वैद्य थी। अपने गुणों के आधार पर उन्होंने अनेक रोगियों को ठीक किया और चिकित्सा को महत्वपूर्ण कर्तव्य माना। निर्धन एवं असहाय लोगों को मुफ्त दवाइयां प्रदान करते हुए उन्होंने जीवन पर्यंत उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया और साथ ही समाज को मानव सेवा का संदेश दिया। महंत दुर्गादास महाराज ने ब्रह्मलीन माता वैद्या पुष्पावती के सुपुत्र अतुल मगन और अजय मगन की दीर्घायु की कामना करते हुए उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया और कहा कि समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी माता द्वारा प्रारंभ किए गए सेवा प्रकल्पांे को वह दोनों भली-भांति आगे बढ़ाकर उनमें निरंतर बढ़ोतरी कर रहे हैं। अतुल मगन एवं अजय मगन ने उपस्थित संत महापुरूषों का स्वागत करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन माता वैद्या पुष्पावती के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है। इस अवसर पर विश्व कल्याण के लिए हवन यज्ञ का आयोजन भी किया गया। इस दौरान महंत प्रह्लाद दास,महंत रामजी दास, महंत गोविंद दास, माता शोभा देवी, शालिनी मगन, अतुल मगन, गीता मगन, अजय मगन, पूजा मगन, चिरायु, तेजस, समन्वय, समृद्धि, सृष्टि सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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