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विद्वान एवं तपस्वी संत थे ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द महाराज-सतपाल ब्रह्मचारी

 


हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द महाराज की प्रथम पुण्य तिथी पर सनातन धर्म संस्कृति के प्रति उनके योगदान के लिए संत समाज ने उन्हें नमन करते हुए भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किए। भूपतवाला स्थित श्री आनन्द आश्रम दक्षिण भाग में महामण्डलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज की अध्यक्षता व स्वामी रविदेव शास्त्री के संचालन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी एवं ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि विद्वान एवं तपस्वी संत ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द महाराज का सनातन धर्म संस्कृति के प्रति योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उनके योग्य शिष्य महंत स्वामी विवेकानन्द वेदांताचार्य महाराज अपने गुरूदेव से प्राप्त ज्ञान व शिक्षाओं के अनुरूप आश्रम की सेवा परंपरांओं को निरन्तर आगे बढ़ा रहे हैं। योग गुरू स्वामी कर्मवीर महाराज एवं महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज के प्रेरणा स्रोत ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द महाराज ने जीवन पर्यन्त भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। ऐसे दिव्य संत को संत समाज नमन करता है। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे महामण्डलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द महाराज ने अपनी दिव्य वाणी से धर्म का प्रचार करने के साथ भक्तों का मार्गदर्शन किया। सनातन धर्म संस्कृति के प्रति उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। संचालन कर रहे युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द महाराज का पूरा जीवन धर्म संस्कृति की रक्षा और समाज के मार्गदर्शन के लिए समर्पित रहा। उनके शिष्य महंत स्वामी विवेकानन्द वेदान्ताचार्य महाराज गुरू परंपरा के अनुसार संत समाज व जरूरतमंदों की सेवा में योगदान कर रहे हैं। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए महंत स्वामी विवेकानन्द वेदान्ताचार्य महाराज ने कहा कि गुरू शिष्य परंपरा भारत की महान परंपरा है। वे सौभाग्यशाली हैं कि गुरू के रूप में उन्हें ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानन्द महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। पूज्य गुरूदेव से प्राप्त ज्ञान व शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाया जा रहा है। आश्रम के ट्रस्टी चैधरी जयसिंह मावी,धर्मपाल नागर, बालकिशन, प्रदीप भाटी,दयालसिंह,हरि,वेद नागपाल,किशोर,नितिनमावी,रवि मावी,जगतसिंह,कपिल जौनसारी, महंत शुभम गिरी ने फूलमालाएं पहनाकर सभी संतों व अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्वामी अनन्तानन्द महाराज,महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द गिरी,विनोद महाराज, स्वामी हरिहरानन्द,स्वामी दिनेश दास, स्वामी ओमानन्द, स्वामी नित्यानन्द,महंत रघुवीर दास आदि सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष उपस्थित रहे। 


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