हरिद्वार। थाना सिडकुल क्षेत्रान्गर्त एक कंपनी में जेनरेटर की मरम्मत करने गए इंजीनियर की कंपनी के मुख्य गेट में सिर आने से मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। मृतक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार गणेश पुत्र रामस्वरूप निवासी गुलालवाली उर्फ सीतावाली थाना मंडावर जिला बिजनौर ने बताया कि बीती 6 अप्रैल को उसका पुत्र कपिल सिडकुल की एक कंपनी में जनरेटर की मरमत करने गया था। आरोप है कि जिस कंपनी में काम करने गया था उसके गेट में एंट्री करने के समय दरवाजे में उसका सिर आ गया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। सिडकुल के स्थानीय अस्पताल में उसे भर्ती कराया। जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद उनियाल के अनुसार मामले मे अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर कबाड़ से लदे रेहड़े से निकली नुकीली वस्तु के चुभने से एक फैक्ट्रीकर्मी की मौत हो गई। मृतक की रिश्तेदार युवती ने इस संबंध में रेहड़े के स्वामी के खिलाफ संबंधित धाराओं में कोतवाली ज्वालापुर में मुकदमा दर्ज कराया है। कनखल क्षेत्र के राज बिहार फेस 2 जगजीतपुर निवासी यशिका सेमवाल ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उसके मौसा चंद्र प्रकाश सिलमाणा (51)सिडकुल की एक कंपनी में कार्यरत थे। 10 मई को दिन मे उसके मौसा कंपनी से शाम को छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। इसी दौरान पुल जटवाड़ा के पास एक कबाड़ से लदे रेहड़े से मौसा के दोपहिया वाहन की पीछे से टक्कर हो गई। अंधेरे के बावजूद रेहड़े पर रिफ्लेक्टर नहीं लगा हुआ था। टक्कर के दौरान गले में लोहे का नुकीला उपकरण घुस गया। राहगीर मौसा को समीप के अस्पताल ले गए थे, जहां उनकी मौत हो गई थी। कोतवाली प्रभारी महेश जोशी के अनुसार मामले मे आरोपी रेहड़े चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जिसकी तलाश कर रहे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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