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प्रेस की स्वतंत्रता ही सही मायने में एक राष्ट्र की वास्तविक स्वतंत्रता: अशोक बुवानीवाला

 भिवानी। प्रेस की स्वतंत्रता ही सही मायने में एक राष्ट्र की वास्तविक स्वतंत्रता है, परन्तु वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में प्रेस द्वारा राजनीतिक दलों की चापलूसी कहीं न कहीं वास्तविक अभिव्यक्ति और अभिव्यक्ति के माध्यम की सार्थकता व लोकतांत्रित मूल्यों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। ये बात हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता एवं पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर अशोक बुवानीवाला ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पत्रकार साथियों को बधाई देते हुए कही। बुवानीवाला ने कहा कि आज भारतीय पत्रकारों के लिए कठिन समय है। ईमानदार और संतुलित आवाजों को झूठ से दबा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चैथे स्तंभ को ओर अधिक मजबूत बनाने के लिए आज बिना किसी राजनीतिक दबाव के उसे और अधिक निडर व निष्पक्ष बनाने की आवश्यकता है जिसके लिए हम सबको मिलकर विशेष रूप समाजहित में पत्रकारों के सहयोग के लिए आगे आना होगा। बुवानीवाला ने प्रेस को सूचना का महत्वपूर्ण जरिया बताते हुए कहा कि स्वतंत्र और ईमानदार प्रैस लोकतंत्र की रीढ़ है। यह हमेशा से दुनिया भर में सूचना, आलोचना और संचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम रहा है। बुवानीवाला ने कहा कि बिना सुरक्षित पत्रकारिता के सुरक्षित सूचना भी नहीं हो सकती। इसलिए हम सब का दायित्व है कि प्रेस की आजादी के लिए एक साथ खड़े हों। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़ें लोकतांत्रिक देश भारत में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चैथा स्तंभ माना जाता है। मगर हमारे देश में पत्रकारों की स्थिति पिछले कुछ सालों के दौरान बदत्तर हुई है। उन्होंने कहा कि वल्र्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की 180 मजबूत देशों की सूची में भारत 142वें नंबर पर आ गया है जो बेहद की चिंता का विषय है। बुवानीवाला ने कहा कि पत्रकारों के लिए खतरा बढ़ता है, तो इससे गंभीर मामलों में पत्रकारिता की गुणवत्ता और संख्या भी प्रभावित होगी। महत्वपूर्ण मसलों की पड़ताल में कमी आएगी, कई मामलों में पूरी पड़ताल नहीं की जाएगी, मीडिया का नजरिया अति-राष्ट्रवादी हो जाएगा और आत्म-आलोचना की प्रवृत्ति घट जाएगी। बुवानीवाला ने कहा कि आज देश को स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए महत्वपूर्ण सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें पत्रकारिता को व्यापक स्तर पर संरक्षण देना होगा, अन्यथा हम अपने लोकतंत्र के सुरक्षा उपायों को ही कमजोर करेंगे। बुवानीवाला ने कहा कि हमारा लोकतंत्र सुरक्षित रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम अपने पत्रकारों की भी पूरी सुरक्षा करें।. 


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