हरिद्वार। मायापुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में नई शिक्षा नीति पर दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के प्रथम दिन का शुभारंभ आर्य सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज रुड़की के प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह, शमा अग्रवाल,गुरुकुल कांगड़ी विवि के पूर्व रजिस्ट्रार दिनेश भट्ट,विद्यालय के सह प्रबंधक कपिल गोयल,भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखंड के प्रदेश निरीक्षक डॉ विजयपाल सिंह,शिशु मंदिर मायापुर के प्रधानाचार्य करनेश सैनी और विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य अजय सिंह ने सामूहिक रूप से मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि दिनेश भट्ट ने सभी को शिक्षा जगत में हो रहे परिवर्तनों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में सरस्वती विद्या मन्दिर के विद्यालयों का बहुत योगदान है। उसके बाद कार्यशाला के प्रथम सत्र में अमरदीप सिंह ने स्किल एजुकेशन विषय पर संबोधित किया। कार्यशाला के दूसरे सत्र में शमा अग्रवाल ने लर्निंग पर सभी को संबोधित किया। कार्यशाला के तीसरे सत्र में विद्यालय के आचार्य शैलेन्द्र रतूड़ी ने सीखने के प्रतिफल विषय पर सभी को प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यशाला के चतुर्थ सत्र में सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज धर्मपुर, देहरादून के प्रधानाचार्य अखिलेश वर्मा ने लर्निंग ओटोकामस पर सभी को संबोधित किया। इसके पश्चात कार्यशाला के प्रथम दिन के अंतिम चरण पर विद्यालय के आचार्य भूपेंद्र और अभिषेक काण्डवाल ने नई शिक्षा नीति पर बनाई गई पीपीटी का प्रेजेंटेशन दिया। कार्यशाला में विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment