हरिद्वार। बैरागी कैंप स्थित ज्ञान गंगा गौशाला के परमाध्यक्ष महंत रामदास महाराज ने कहा कि गंगा तट पर संतों के सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन व श्रवण सदैव परमकल्याणकारी होता है।उन्होंने बताया कि मानव कल्याण के उद्देश्य से शनिवार से परशुराम धर्मशाला में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। संत महापुरूषों के सानिध्य में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा में सम्मिलित होने वाले विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु भक्तों को गंगा तट पर कथा श्रवण करने के अवसर के साथ संत महापुरूषों के आशीवर्चन भी प्राप्त होंगे। परशुराम धर्मशाला के अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि कथा के शुभारंभ से पूर्व श्रद्धालु भक्तों द्वारा कलश यात्रा निकाली जाएगी। कथा विश्राम पर संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले संत सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द सहित सभी अखाड़ों के संत महापुरूष व गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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