हरिद्वार। थाना कनखल क्षेत्र में सोमवार सुबह एक दंपति का शव गंगनहर में उतराता हुआ मिला। फिलहाल दंपति की शिनाख्त नहीं हो पायी है। माना जा रहा है कि दंपति ने आत्महत्या की है। मौके पर पहुची कनखल पुलिस ने शव बरामद कर उनके परिजनों से संपर्क साधने का प्रयास कर रही है। पुलिस के अनुसार सोमवार की सुबह एक महिला एवं एक पुरुष को सिंहद्वार पुल के पास गंगनहर में बहता देखकर राहगीरों ने शोर मचा दिया। हो हल्ला होने पर सूचना मिलते ही राहगीरों में से कुछ लोगों ने हिम्मत कर गंगनहर में कूदकर युगल को बाहर निकाल लिया,लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। मृतक की जेब से मिले आधार कार्ड के आधार पर उनकी पहचान राजकुमार एवं उसकी पत्नी चमनो देवी निवासीगण महमूदा खादर बिजनौर यूपी के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि संभवत दंपति ने गंगनहर में कूदकर आत्महत्या की है, परिजन के यहां पहुंचने पर आत्महत्या की वजह साफ हो सकेगी। बताया कि दंपति की उम्र 55 से 65 वर्ष के बीच है। शरीर पर किसी तरह का निशान नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पता चल सकेगा। पुलिस फिलहाल दंपति के परिजन से भी संपर्क साधने का प्रयास कर रहे है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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