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सोमवती अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान


 हरिद्वार। सोमवती अमावस्या के मौके पर लाखों की तादाद मे श्रद्वालुओं ने हर की पैड़ी सहित गंगा के विभिन्न घाटों पर गंगा मे डुबकी लगाते हुए पूण्य अर्जित किए। अनुमान से कही अधिक श्रद्वालुओं के आगमन से गंगाघाटों पर श्रद्वालुओं का सैलाब नजर आया। इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के खास इंताजामात किये गये थे। सोमवती अमावस्या स्नान पर्व के मौके पर हरियाणा, दिल्ली, यूपी, राजस्थान आदि राज्यों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। ब्रह्म मुर्हत में शुरू हुआ स्नान का सिलसिला दिन भर चलता है। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार हरकी पैड़ी सहित धर्मनगरी के सभी गंगा घाटों पर शाम पांच बजे तक 31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। स्नान को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व यातायात के व्यापक इंतजाम किए थे। पूरे मेला क्षेत्र को 5 सुपर जोन, 16 जोन और 39 सेक्टर में बांटकर पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। धर्मशास्त्रों में सोमवती अमावस्या स्नान का विशेष धार्मिक महत्व बताया है। इस पौराणिक मान्यता के चलते सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान के लिए हमेशा ही धर्मनगरी में भारी उमड़ती रही है। कोरोना के चलते दो वर्ष तक स्नान पर्वो पर प्रतिबंध के चलते लक्खी स्नान पर्व नहीं हो पाए थे। इस वर्ष कोराना से राहत मिलने के बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे। स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के पश्चात दान पुण्य भी किया और परिवारों के लिए मंगल कामना की। अमावस्या स्नान के पश्चात श्रद्धालुओं ने पितरों के निमित्त अनुष्ठान भी संपन्न कराए। पौराणिक नारायणी शिला मंदिर, कुशा घाट आदि पर पितरों के निमित्त अनुष्ठान कराने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। ज्योतिषाचार्य मनोज त्रिपाठी ने बताया कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में अमावस्या का विशेष महत्व है। लेकिन सोमवार के दिन अमावस्या होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है और इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या पर स्नान दान व पितरों के निमित्त अनुष्ठान आदि करना बहुत पुण्यदायी होता हैं। अमावस्या के दिन गंगा स्नान व दान आदि करने से पितृ तृप्त रहते हैं और परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। 


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