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श्रीमहंत रविन्द्रपुरी के संयोजन में वैष्णव संतों ने दक्ष मंदिर में किया जलाभिषेक

 हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी एवं महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज के तत्वाधान में वैष्णव अखाड़ों के संतों ने कनखल स्थित श्री दक्ष मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की और कोरोना महामारी की समाप्ति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की। इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि दक्षेश्वर महादेव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं। महादेव की शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त का कल्याण निश्चित है। संत समाज अपने ज्ञान और विद्वत्ता के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन करता चला रहा है। सभी को अपने धर्म और संस्कृति का बोध होना अति आवश्यक है। तभी भारत में राम राज्य स्थापना की कल्पना की जा सकती है। जगन्नाथ मंदिर के अध्यक्ष श्रीमहंत दिलीप दास महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से प्रभावित होकर आज विदेशी लोग भी भारतीय सभ्यता को अपना रहे हैं। हमें पाश्चात्य संस्कृति का त्याग कर प्राचीन भारतीय सभ्यता को अपनाना होगा। तभी एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। मंगल पीठाधीश्वर स्वामी माधवाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान आशुतोष भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि भगवान शिव की नगरी और पतित पावनी मां गंगा का पावन दर्शन सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड का चहुंमुखी विकास हो और सभी धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार हो ऐसी संत समाज कामना करता है और समस्त उत्तराखंड वासियों के लिए ईश्वर से खुशहाली की प्रार्थना करते हैं। श्री महंत रामजी दास एवं महंत नरेंद्र दास महाराज ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष सहित सभी संत महापुरुषों को फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर श्री महंत रामकृष्ण दास महाराज, बारह भाई डांडिया खालसा श्रीमहंत जगदीश दास,श्रीमहंत जोगीदास,महंत मोहनदास खाकी,महंत बिशंबर दास, महंत काशी दास,महंत महावीर दास,महंत रामदास,महंत गोविंद दास,महंत हरिदास,महंत रघुवीर दास,महंत बिहारी शरण,महंत अंकित शरण,महंत राजेंद्र दास,महंत रामदास,महंत हरिदास, महंत सुमित दास,महंत लंकेश दास,महंत पवनदास,साध्वी विजयलक्ष्मी, साध्वी जयश्री,समाजसेवी पवन शर्मा सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।


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धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस