हरिद्वार। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्थानीय सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि पूर्व साहित्यकारों और लेखकों की याद में हरिद्वार में तमाम सुविधाओं से सुसज्जित भव्य लेखक ग्राम का निर्माण कराया जाएगा। लेखक ग्राम में पंचकर्म,चिकित्सा केन्द्र, पुस्तकालय आदि शामिल रहेंगे। रविवार को पारिजात साहित्यिक एव सांस्कृतिक मंच के प्रेस क्लब सभागार में चैथे काव्य संकलन ‘काव्य कलश के विमोचन कार्यक्रम में निशंक ने यह घोषणा की। मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे निशंक ने कार्यक्रम में तीन काव्यों ‘काव्य कलश‘भव सुमन और ‘सरस्वती शायरी से फूल और कांटे का विमोचन किया। इस दौरान निशंक ने पारिजात परिवार की आधिकारिक वेबसाइट भी लांच की। निशंक ने कहा कि साहित्य की सार्थकता समाज में तब ही है,जब यह दुखों का कुहासा मिटाकर खुशियों का संदेश प्रसारित करे। साथ ही अपनी आशावादी रचनाओं से भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करे, फिर चाहे वह साहित्य काविता, कहानी,उपन्यास,नाट्य अथवा अन्य किसी भी विधा में क्यों न हो। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कवियों ने अपनी कविताओं से दिवंगत साहित्यकार,कवियों केएल दीवान,राम किशोर शर्मा, सियाराम शर्मा,संतोष कुमार संत, दादा माणिक घोषाल,शाहिद हसन, दिनेश शर्मा,जगदीश शर्मा को श्रद्धांजलि दी। वहीं कई कवियों को डॉ. निशंक ने मंच से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएसएम डिग्री कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा ने की और कार्यक्रम का संचालन अरुण कुमार पाठक ने किया। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के दौरान पतंजलि के प्रतिकुलपति डॉ.महावीर अग्रवाल,नगर पुलिस अधीक्षक स्वतन्त्र कुमार,राधिका नागरथ,बृजेन्द्र हर्ष,जगदीश लाल पाहवा,पं.ज्वाला प्रसाद दिव्य,प्रेमशंकर शर्मा ‘प्रेमी,डॉ. मनु शिवपुरी,रविंद्र कुमार ‘गुल,अरविंद दुबे, सत्य देव सोनी,महेंद्र कुमार,सोनेश्वर कुमार,इमरान बदायूनी, कल्पना कुशवाहा,कंचन प्रभा गौतम आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment