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सरकार बच्चों व महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिये कृतसंकल्प -डाॅ0मूजपारा महेन्द्रभाई

 सात राज्यो के आकंाक्षी जनपदों के जोनल बैठक मे बोले केन्द्रीय राज्यमंत्री


हरिद्वार। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास तथा आयुष राज्यमंत्री डॉ0 मंजूपारा महेन्द्रभाई ने कहा कि देश की महिलाओं व बच्चों को सशक्त बनाने के लिये हम निरन्तर प्रयासरत हैं। उन्होंने सखी वन स्टॉप सेण्टर योजना का उल्लेख करते हुये कहा कि वर्ष 2016 से इस योजना के तहत किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महिला को उचित सहायता प्रदान करना है। इसके अन्तर्गत उन्हें पुनर्वास हेतु आश्रय, चिकित्सकीय सुविधा, कानूनी सलाह, पुलिस सुरक्षा, परामर्शदाता की सेवायें आदि मदद की जाती हैं। केन्द्रीय राज्यमंत्री बृहस्पतिवार को ज्वालापुर स्थित एक होटल में सात राज्यों,केन्द्र शासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा,उत्तरप्रदेश,बिहार तथा हिमाचल प्रदेश के आकांक्षी जनपदों की जोनल मीटिंग-’’विभिन्न योजनाओं का महिलाओं एवं बच्चों पर प्रभाव’’ विषय पर बोल रहे थे।  केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रहा है। उन्होंने कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिये 971 छात्रावास बनाये गये हैं, जिनका लाभ 75 हजार महिलायें उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिये सुरक्षित वातावरण सृजित करना है तथा हम अनगिनत महिलाओं की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हर क्षेत्र में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक हो या शादी करने की उम्र में वृद्धि करना हो, प्राथमिक स्तर से ही गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना हो, बीच में बच्चियों द्वारा पढ़ाई छोड़ने के प्रतिशत को कम करना हो, बच्चियों का लिंगानुपात बढ़ाना हो, बाल सुरक्षा योजना हो आदि में हमारी सरकार पूरा ध्यान केन्द्रित कर रही है। राज्य मंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास तथा आयुष ने पोषण अभियान का जिक्र करते हुये कहा कि हमारी सरकार बच्चों व महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिये कृतसंकल्प है। इसके लिये हमने पांच सूत्रों, जिसमें गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दो वर्ष का होने तक पूरी देखरेख करना, स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार पौष्टिक आहार पर बल देना, एनिमिया से बचाना, व्यक्तिगत सफाई व स्वच्छता पर ध्यान देना तथा डायरिया से बचाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोषण का सीधा सम्बन्ध राष्ट्र से है। अगर देश के नागरिक स्वस्थ्य होंगे,तभी तेजी से विकास होगा। डॉ0 मंजूपारा महेन्द्रभाई ने आंगनबाड़ी केन्द्रों का उल्लेख करते हुये कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रांें में अवस्थापना सुविधाओं का निरन्तर विकास किया जा रहा है। हमने 11 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ति्रयों को स्मार्ट फोन वितरित किये। उन्होंने कहा कि पीएम मुद्रा योजना, स्टैण्डअप योजना आदि में महिलाओं की पूरी मदद की जा रही है। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये सांसद हरिद्वार डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हम सबका साथ, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास के मूल मंत्र को लेकर चल रहे हैं। उन्होंने यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता का जिक्र करते हुये कहा कि भारत में महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि बच्चे तथा मां देश व प्रदेश की पूंजी हैं, दोनों सुरक्षित हैं तो पूरा देश व प्रदेश सुरक्षित है। उत्तराखण्ड के चिकित्सा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में काफी अच्छा कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जनपद की दृष्टि से हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर में बच्चों व महिलाओं को विशेष सुविधायें दी जा रही हैं तथा कहीं पर भी कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि विभागों के आपसी समन्वय से योजनाओं का क्रियान्वयन काफी अच्छे ढंग से हो सकता है। जोनल मीटिंग मे बोलते हुए श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग दिन-प्रतिदिन ऊंचाइयों को छूते हुये आगे बढ़ रहा है। श्रीमती रेखा आर्या ने महिला तथा बाल विकास के क्षेत्र में केन्द्र तथा राज्य द्वारा संचालित योजनाओं-पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना,बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, राष्ट्रीय पोषण मिशन,सखी वन स्टॉप सेण्टर, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना,मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना,मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना,मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना,नन्दा गौरा योजना,तीलू रौतेली पुरस्कार,आंगनबाड़ी पुरस्कार पर विस्तृत प्रकाश डालत हुये इन योजनाओं के माध्यम से जो-जो सुविधायें दी जा रही हैं जैसे- मुख्यमंत्री बाल पलाश योजना के तहत निर्धारित तिथियों में उबला अण्डा तथा केला या मौसमी फल दिये जाते हैं, उनका उल्लेख किया। कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने इस मौके पर मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किटों का भी वितरण किया, जिसके अन्तर्गत माताआंे तथा बालिकाओं के उपयोग हेतु पोषण सामग्री तथा अन्य जरूरी सामग्री को किट के रूप में दिया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष 50 हजार माताओं को इसका लाभ प्रदान किया जा रहा है।  इन्दीवर पाण्डे सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने कहा कि इस बैठक में सात राज्यों के 29 जिले प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों में लोगों के जीवन स्तर में काफी सुधार आया है। महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में काफी कार्य हुआ है तथा जो निरन्तर आगे चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिये आपसी समन्वय तथा सहयोग बहुत आवश्यक है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत कोविड-19 और अन्य बीमारियों से माता,पिता,संरक्षक की मृत्यु (मार्च 2020 से 31 मार्च, 2022 की अवधि में) प्रभावित बच्चों के खातों में डी.बी.टी. के माध्यम धनराशि हस्तांरित की गयी। बैठक में राकेश रंजन, मिशन डायरेटर, आकांक्षी जनपद कार्यक्रम, नीति आयोग ने आकाक्षी जनपदों के बारे मंे विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, उत्तराखण्ड के सचिव हरिश्चन्द्र सेमवाल, ने सभी राज्यों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया। इससे पूर्व संगोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। कार्यक्रम स्थल पहुचने पर मंत्रियो,अधिकारियों का पुष्पगुच्छ, शाल तथा गंगाजलि भेंट कर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय,मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 सौरभ गहरवार, जिलाधिकारी सोनभद्र, जिलाधिकारी बलरामपुर, जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर, विभिन्न राज्यों के निदेशक, उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों के अपर सचिव, निदेशक एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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