यूनियन ने सिटी मजिस्टेªेट के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
हरिद्वार। डाॅ0 मनोज कुमार सोही- हरिद्वार में चल रहा भारतीय किसान यूनियन का तीन दिवसीय किसान कुंभ चिंतन शिविर शनिवार को समाप्त हो गया। चिंतन शिविर के अंतिम दिन भारतीय किसान यूनियन की ओर से 21 प्रस्तावों को पारित किया गया। जिनमें स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट दो लागू करने,राजस्थान की ईस्टर्न कैनाल परियोजना को केंद्रीय योजना के अंतर्गत लाने और युवा किसानों के लिए अलग से योजना बनाए जाने की मांग सहित कई अन्य मुद्दे शामिल रहे। खेती को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से अलग किया जाए। खेती व्यापार नहीं है यह भारत की जीवन पद्धति का एक हिस्सा है। इसे व्यापार की वस्तु न बनाया जाए। यह मांग करते हुए किसानों ने राष्ट्रपति को हरिद्वार से ज्ञापन भेजा है। हरिद्वार में चल रहे तीन दिवसीय किसान कुंभ का समापन शनिवार को हुआ। तीसरे दिन 21 प्रस्ताव पास किए गए। सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भिजवाया गया। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि किसान कुंभ में अग्निपथ योजना समेत किसानों की समस्याओं के निराकरण को 30 जून को देशभर में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इन प्रस्तावों को पूरा न करने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। राकेश टिकैत ने बताया कि आगामी छह महीने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। 30 जून को होने वाले आंदोलन के बाद देशभर में किसानों की समस्याओं को लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसकी तारीख अभी तय नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही मीडिया को बता दी जाएगी। दूसरी ओर चिंतन शिविर के अंतिम दिन किसानों ने हरिद्वार में पैदल मार्च भी निकाला गया। जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि भारतीय किसान यूनियन के इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन एक प्रस्ताव को पास किया गया जिनमें मुख्य रूप से किसान की फसल के लिए एनजीटी कानून में बदलाव किया जाए और स्वामी नाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि मछुआरों को विशेष सब्सिडी दी जाए जिसके साथ साथ जल जंगल जमीन को बचाने के लिए आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए कानून बनाया जाए उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण नीति पारदर्शी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाए थे अग्नीपथ योजना 4 वर्ष की ना होकर कम से कम 15 वर्ष की होनी चाहिए साथ ही उन्होंने सरकार की इस योजना का विरोध कर रहे हैं युवाओं से अपील की है कि वे अपनी शांतिपूर्ण तरीके से रखें हो सकता है कुछ राजनीतिक दल उनकी भावनाओं का फायदा उठाकर देश की शांति भंग करना चाहते हो इसलिए युवाओं को अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखनी होगी।
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