हरिद्वार। उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार, पूर्व आई.ए.एस. द्वारा सख्त कदम उठाते हुए विभिन्न विश्वविद्यालयों के 25 विषय-विशेषज्ञों को उनके द्वारा मानकों के अनुरूप कार्य न करने जैसे प्रश्नों की संरचना में त्रुटि किया जाना आदि के दृष्टिगत आयोग के परीक्षाओं सम्बन्धी समस्त कार्यों से स्थायी तौर पर पैनल से हटा दिया गया है। इस सम्बन्ध में आयोग के परीक्षा नियन्त्रक को निर्देशित किया गया है कि विभिन्न महत्वपूर्ण परीक्षाओं यथा-सम्मिलित राज्य सिविल,प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (लोवर पीसीएस), सम्मिलित राज्य अभियन्त्रण (ए0ई0) सेवा परीक्षा, संयुक्त कनिष्ठ अभियन्ता (जे०ई०) परीक्षा, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजकीय महाविद्यालय आदि की आगामी परीक्षाओं एवं साक्षात्कार के लिए विषय-विशेषज्ञों के उच्च मानदण्ड को बनाए रखा जाए और इसके लिए देश के श्रेष्ठ संस्थानों से पत्राचार कर उन संस्थानों के प्रतिष्ठित एवं अनुभवी विषय-विशेषज्ञों को ही पैनल में शामिल किया जाए। इसके लिए शुरूआत करते हुए देश के ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालयों को ऑनलाईन लिंक उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है, इस हेतु ऑनलाईन एप्लीकेशन सोफ्टवेयर के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसी कड़ी में लगभग 100 विषय विशेषज्ञों का अनुमोदन किया गया है तथा लगभग 350 विशेषज्ञों के बायो-डाटा का विश्लेषण गतिमान है। आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार द्वारा पैनल का विस्तार करते हुए उसमें लगभग 1000 विषय-विशेषज्ञों को शामिल किये जाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सम्बन्धित को अग्रेतर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। यह जानकारी एस0एल0 सेमवाल, परीक्षा नियंत्रक, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार ने दी है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment