हरिद्वार। नगर निगम की टीम ने शनिवार को गंगा घाट पर प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाया। नगर निगम की टीम ने इस दौरान अलकनंदा घाट, बिरला घाट, रोड़ी बेलवाला घाट से करीब 50 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक की केन जब्त की। टीम ने चैदह लोगों के खिलाफ चालान की कार्रवाई भी की। प्रतिबंध के बावजूद गंगा घाटों पर प्लास्टिक के केन धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। जिसकी शिकायत नगर निगम के अधिकारियों को मिल रही थी। नगर निगम की टीम ने शनिवार को शिकायतों का संज्ञान लेते हुए प्रतिबंधित प्लास्टिक केन के खिलाफ कार्रवाई की। नगर निगम की टीम ने शनिवार को बिरला घाट, अलकनंदा घाट और रोड़ी बेलवाला घाट और उसके आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में प्लास्टिक की केन जब्त की। टीम के सदस्य गोहर हयात और वेदपाल ने बताया कि इस दौरान 50 किलो प्लास्टिक की केन जब्त की। इस दौरान 14 चालान भी नगर निगम की टीम ने किए। दूसरी ओर उत्तराखंड में 30 जून से 75 माइक्रोन तक के प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के आदेश होने के बाद अब नगर निगम और निकायों ने इसके आदेश जारी कर कर दिए है। एक जुलाई से प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश के बाद 10 जून को शहरी विकास विभाग ने दिशा निर्देश जारी किये थे। इसके बाद नगर निकायों ने आदेश जारी कर दिए है। शनिवार को हरिद्वार में शिवालिक नगर पालिका के अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी ने इसके आदेश जारी किए हैं। इसके तहत प्लास्टिक के स्ट्रॉ, चम्मच, प्लेट, थर्माकोल और थर्माकोल से बनी चीजों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें पुरानी गाइडलाइन में संशोधन कर नया नोटिफिकेशन जारी हुआ है। इसको लेकर अगले कुछ दिनों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इसमें प्लास्टिक का निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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