हरिद्वार। पंचायती निर्मल अखाड़े में श्रीमहंतों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को निर्मल भेख के साधु-संतों और महंतों का प्रतिनिधि मंडल निर्मल अखाड़ा के सचिव महंत जगतार सिंह के नेतृत्व में अपर जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार से मिला। निर्मल भेख की तरफ से चेतावनी देते हुए कहा कि नए अध्यक्ष श्रीमहंत रेशम सिंह और पदाधिकारियों के निर्मल अखाड़ा कनखल में प्रवेश के समय दूसरे पक्ष के किसी व्यक्ति ने कानून को अपने हाथ में लेने का प्रयास किया तो जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। छह जुलाई तक उन्होंने प्रशासन को समय दिया कि उन्हें अखाड़े के अधिकार दिलाएं। सचिव महंत जगतार सिंह का कहना है पंचायती अखाड़ा के विवाद में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को कई बार प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अखाड़े के पहले अध्यक्ष के विरुद्ध संगीन आरोपों के कारण संविधान के अर्न्तगत 26 अक्तूबर 17 को प्रस्ताव पारित कर उन्हें अध्यक्ष के पद से हटाया जा चुका है। अखाड़े के नए श्रीमहंत अध्यक्ष का चुनाव निर्मल भेख की बैठक में 19 अगस्त 2019 किया जा चुका है। दावा किया कि निर्मल भेख ने महंत रेशम सिंह को श्रीमहंत अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि अखाड़े के अंदर गैरकानूनी काबिज श्रीमहंत और उनके साथी श्रीमहंत रेशम सिंह को प्रवेश करने से रोकते हैं। इस मौके पर अखाड़े के कोठारी महंत गोपाल सिंह, मुखिया महंत जगजीत सिंह,निर्मल भेख के सदस्य महंत बिक्कर सिंह,महंत चमकौर सिंह,महंत दर्शन सिंह,महंत सतनाम सिंह,महंत प्रेम सिंह,महंत अमरीक सिंह वैध, महंत बलजिन्द्र सिंह,महंत अनूप सिंह आदि संत महंत उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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