सभी धर्मो का एक ही संदेश है-खलीलुर्रहमान रमदे
श्रीमद्भागवत गीता के उदर्् अनुवाद दिल की गीता के हिन्दी संस्करण का विमोचन
हरिद्वार। ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानंद महाराज की 50वीं पुण्य तिथि पर कनखल स्थित श्री हरेराम आश्रम में स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित श्री रामकथा के दौरान सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों की उपस्थिति में योगगुरू रामदेव,स्वामी चिदानंद मुनि,अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, श्रीमहंत रघुमुनि,मुखिया महंत दुर्गादास,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक,पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक एवं श्री हरेराम आश्रम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी कपिल मुनि ने कार्यक्रम में सम्मिलित हुए पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश खलीलुर्रहमान रम्दे का स्वागत किया। पाकिस्तानी शिक्षाविद् ख्वाजा दिल मौहम्मद द्वारा श्रीमद्भगवद् गीता के उदर््ू में अनुवादित पुस्तक दिल की गीता के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया। पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप कुमार जोशी व पाकिस्तानी मूल के लक्ष्मण शर्मा ने किया है। इस दौरान खलीलुर्रहमान रम्दे ने कहा कि संतों के बीच आकर वह अपने आपको धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी धर्मो का एक ही संदेश है। गीता हो कुरान या अन्य कोई भी धार्मिक ग्रन्थ हो। सभी मानवता के रास्ते पर चलने और बुराई के खिलाफ खड़े होने की शिक्षा देते हैं। धर्म सबको मिलाते हैं। प्रत्येक धर्म की मंजिल एक ही है, इसलिए धर्म को लोगों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए,तोड़ने के लिए नहीं। पुस्तक के विषय में जानकारी देते हुए खलीलुर्रहमान ने बताया कि लगभग 90 साल पहले शिक्षाविद् ख्वाजा दिल मौहम्मद ने श्रीमद्भागवत गीता का उदर्् में अनुवाद किया और इसे दिल की गीता नाम दिया। उन्होंने संत महापुरूषों को पाकिस्तान आने का न्यौदा भी दिया। योगगुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि श्रीराम कथा प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणादायी है। सभी को भगवान श्रीराम के चरित्र को आचरण में धारण कर राम राज्य की स्थापना में सहयोग करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी कृष्ण मुनि,जितेंद्र सिंह,डा.प्रेमचंद्र शास्त्री,डा.प्रदीप जोशी,विमल सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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