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स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को दिलाया पर्यावरण व गंगा संरक्षण का संकल्प

 


हरिद्वार। कनखल सन्यास मार्ग स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में आयोजित गंगा महिमा कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी को गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अविरल बनाने तथा पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि दैवीय कृपा के चलते जीवनदायिनी मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई। लेकिन मानवीय गलतियों के चलते गंगा में बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है। साथ ही जीवन को अत्यधिक आरामदायक बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल की वजह से पर्यावरण बेहद अंसतुलित हो गया है। ऐसे में प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है कि भूल सुधार करते हुए पर्यावरण सरंक्षण में सहयोग करे। प्रकृति को बचाने के लिए पौधारोपण कर वृक्ष बनने तक उनका संरक्षण करें। सम्मिलित प्रयासों से ही पर्यावरण को प्रदूषण बचाया जा सकता है। स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद महाराज ने कहा कि तमाम हिंदू धर्म शास्त्रों में गंगा के महत्व का वर्णन किया गया है। मां गंगा अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु का कल्याण करती है। पौराणिक काल से धरती पर बह रही गंगा पृथ्वी पर रहने वाले समस्त प्राणियों,जीव जंतुओं का समान रूप से पोषण करती है। शास्त्रों में गंगा को मां कहा गया है। ऐसे में प्रत्येक श्रद्धालु का कर्तव्य है कि जन्म देने वाली मां की तरह ही गंगा का आदर करें, प्रदूषण उत्पन्न करने वाले पदार्थ गंगा में ना फेंके। गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अविरल बहने में सहयोग करें। 


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

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धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

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