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आपदा के समय सभी विभाग समन्वय से अपना अपना योगदान सुनिश्चित करे-जिलाधिकारी


 हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि आपदा के समय कोई भी विभाग यह नहीं कह सकता है कि यह मेरे विभाग का कार्य नहीं है। सभी विभागों को आपसी तालमेल स्थापित करते हुये अपना-अपना योगदान देना होगा। जिलाधिकारी सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबन्धन के अन्तर्गत आगामी मानसून सत्र की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जिलाधिकारी को आपदा प्रबन्धन अधिकारी श्रीमती मीरा कैन्तुरा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आपदा प्रबन्धन कार्य योजना बाढ़ प्रबन्धन, बाढ़ चैकियों की स्थिति, नालों की सफाई, जो तटबन्ध कमजोर हैं। उनकी मरम्मत, तहसील व विभाग स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाना, ग्राम पंचायत स्तर पर महिला मंगल दल एवं युवक मंगल दल को ट्रेनिंग दिया जाना तथा उनका सहयोग लिया जाना, खोज बचाव उपकरणों की आवश्यकता का आकलन तथा परीक्षण आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जिन विभागों द्वारा अभी तक अपनी कार्य योजना प्रस्तुत नहीं की है, तो वे तीन दिन के भीतर अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। बैठक में जिलाधिकारी ने तहसील(सदर)हरिद्वार,रूड़की,भगवानपुर,लक्सर को निर्देश दिये कि आपके क्षेत्र में चिह्नित संवेदनशील क्षेत्रों के अतिरिक्त अगर कोई अन्य क्षेत्र भी बाढ़ तथा जल भराव की दृष्टि से संवेदनशील हैं,तो उनका भी चिह्नांकन करके तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें तथा वहां जिन-जिन आधारभूत व्यवस्थाओं की जरूरत है, उन व्यवस्थाओं को करवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि जब बारिश ज्यादा होती है,तो उस समय बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा जाता है, ऐसे समय के लिये पहले से तैयारी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ तथा जल भराव वाले स्थानों में जो भी आश्रय स्थल चिह्नित किये गये हैं, वहां पर बिजली, पानी, शौचालय, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था के लिये सभी विभाग आपसी तालमेल से कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी को खान-पान सम्बन्धी व्यवस्था के लिये जनपद का नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिये। बैठक में जिलाधिकारी ने पशु पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ व जल भराव वाले क्षेत्रों में पशुओं के लिये चारे की व्यवस्था, पानी की व्यवस्था तथा पशु चिकित्सकों सहित समुचित दवाओं की भी व्यवस्था करना सुनिश्चित करंे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी मानसून सत्र के लिये समुचित दवायें, ब्लीचिंग पाउडर आदि जो भी आवश्यक सामग्री की आवश्यकता हो, उसकी समुचित व्यवस्थायें अभी से करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहां भी कमजोर तटबन्ध हैं,उसकी मरम्मत करना सुनिश्चित करें। तहसील तथा विभाग स्तर पर नियंत्रण कक्ष का जिक्र करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून सत्र में नियंत्रण कक्ष 24 घण्टे कार्य करेगा। उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि आपदा प्रबन्धन से सम्बन्धित जितने भी टेलीफोन नम्बर-01334-223999, 7055258800,7900224224 ,9068197350 आदि हैं,उनका प्रचार-प्रसार करने के साथ ही उन्हें होर्डिंग के माध्यम से जगह-जगह प्रदर्शित किया जाये। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा के समय कोई भी विभाग यह नहीं कह सकता है कि यह मेरे विभाग का कार्य नहीं है। सभी विभागों को आपसी तालमेल स्थापित करते हुये अपना-अपना योगदान देना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आने वाले समय में मानसून सत्र से सम्बन्धित एक मॉक ड्रिल कभी भी किया जा सकता है। इसके लिये सम्बन्धित अधिकारी तैयार रहें। उन्होंने कहा कि आपदा के समय युवक मंगल दल व महिला मंगल दल का भी पूरा सहयोग लिया जाये तथा युवक व महिला मंगल दल के जो प्रशिक्षित सदस्य हैं, उनकी सूची तहसीलों को भी उपलब्ध करा दी जाये। बैठक मे अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) वीर सिंह बुदियाल, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अंशुल सिंह,एचआरडीए सचिव उत्तम सिंह चैहान,नगर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह,एमएनए दयानन्द सरस्वती,लक्सर एसडीएम गोपाल राम बिनवाल, भगवानपुर एसडीएम वैभव गुप्ता,उप जिलाधिकारी सुश्री नूपुर वर्मा,एएसडीएम रूड़की विजयनाथ शुक्ल,एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 खगेन्द्र कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी,मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 योगेश भारद्वाज,अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, सहायक परिवहन अधिकारी सुश्री रश्मि पन्त,खाद्य पूर्ति अधिकारी के0के0 अग्रवाल,एआर कोआपरेटिव राजेश,सहायक पीडी सुश्री नलनीत घिल्डियाल,ग्रामीण निर्माण विभाग के ईई रामजी लाल, पेयजल,सिंचाई,खण्ड विकास अधिकारीगण,नगर पालिका,नगर पंचायत के अधिकारीगण सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।


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