हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह ने प्रदेश पुलिस महानिदेशक को पत्र प्रेषित कर अखाड़े के संतों को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। पत्र में कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने बताया कि श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल निर्मल सम्प्रदाय की सर्वोच्च संस्था है। अखाड़े की पूरे भारत में शाखाएं हैं। अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज संस्था के अध्यक्ष हैं। संस्था का अपना संविधान है तथा संविधान के विपरीत निर्मल संप्रदाय के किसी भी व्यक्ति को कोई कार्य करने का अधिकार नहीं है। लेकिन कुछ तथाकथित संत तथा असामाजिक तत्व अखाड़े की संपत्ति को कब्जाने की नीयत से खुद को अखाड़े के पदाधिकारी व सदस्य बताकर प्रशासन व आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं, तथा अखाड़े के अध्यक्ष निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत स्वामी ज्ञानदेव सिंह महाराज व अखाड़े के अन्य पदाधिकारियों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इसके पूर्व भी तथाकथित संत असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर अखाड़े की एक्कड़ कलां शाखा पर कब्जा करने का प्रयास कर चुके हैं। जिसे प्रशासन की मदद से नाकाम कर दिया गया था। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ कनखल व पथरी थाने में कई संगीन धाराओं में फौजदारी मुकद्मे दर्ज हैं। पिछले कुछ दिनों से तथाकथित संत असामाजिक तत्वों को साथ लेकर हरिद्वार में घूम रहे हैं और कुछ भगवाधारी लोग उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। यह लोग अखाड़े के कनखल स्थित मुख्यालय या एक्कड़ कला शाखा में घुसकर किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने बताया कि हरियाणा के पटोदी में हुए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी अखाड़े पर कब्जे की नीयत से श्रीमहंत ज्ञानदेव ंिसंह महाराज व अखाड़े के अन्य संतों को धमकाने का मामला अखिल भारती संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी अविचलदास महाराज,महामंत्री स्वामी जितेंद्रानन्द महाराज,स्वामी धर्मदेव,भानुपुरा पीठ के शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानन्द तीर्थ सहित समस्त संत समाज के समक्ष रखा गया है। जिसमें अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी अविलचलदास ने निर्मल अखाड़े के संतों को सहयोग का आश्वासन दिया है। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह ने कहा कि अखाड़े व अखाड़े की किसी भी शाखा पर कब्जे के प्रयास को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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