हरिद्वार। पिछले कुछ दिनों से घरो नलों में दूषित पानी आने से नाराज व्यापारियों ने जल संस्थान के अधिकारियों के खिलाफ गंदे पानी की बोतलें लेकर प्रदर्शन किया। व्यापारियों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। शनिवार को महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी के नेतृत्व में लोगों ने खड़खड़ी में प्रदर्शन किया। सेठी ने कहा कि उत्तरी हरिद्वार के कई इलाकों में पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं। दूसरी ओर दूषित पानी की सप्लाई के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। आरोप है कि बार-बार जल संस्थान के अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। पानी की सप्लाई कुछ ही घंटे हो रही है, लेकिन बिल 24 घंटे के हिसाब से लिया जा रहा है। लो प्रेशर होने के कारण पानी ऊपरी मंजिलों पर नहीं चढ़ पा रहा है। उन्होंने कहा कि जल संस्थान के गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। हरिद्वार में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। शहर के कई इलाके कोरा देवी कॉलोनी, खड़खड़ी, मायापुर, रामगढ़, नई बस्ती, भीमगोड़ा, हरकी पैड़ी, भूपतवाला में सप्लाई कम के साथ ही गन्दा पानी आ रहा है। कोरा देवी कॉलोनी निवासी विनोद गिरी, धर्मपाल प्रजापति ने बताया कि 10 दिन से कम सप्लाई के साथ दूषित पानी आ रहा है। उन्होंने कहा कि समस्या का जल्द से जल्द समाधान न हुआ तो अधिकारियों का घेराव किया जाएगा। विरोध करने वालों में राजेश सुखीजा, सोनू सुखीजा, मयंक सैनी, एसएन तिवारी, शिवोम शर्मा, भूदेव शर्मा, धर्मपाल प्रजापति, राजेश शर्मा, आशीष अग्रवाल, अनिल कुमार, अमित, सचिन अग्रवाल, रवि कुमार, मोहित कुमार, दीपक मेहता, बंटी कुमार, मनीष धीमान, सुभाष ठक्कर, राजू कुमार आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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