हरिद्वार। जनपद न्यायाधीश एसके त्यागी ने मारपीट करने के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपियों को एक-एक एक साल के कारावास और प्रत्येक को साढ़े तीन हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता विनय गुप्ता ने बताया कि 30 मई 2015 को मंगलौर क्षेत्र के मोहल्ला गुर्जरवाडा में मंदिर के पास रात नौ बजे सुभाष पुत्र विशन और अन्य का नरेश पुत्र नकली के साथ झगड़ा हो गया था। जिसमें सुभाष पक्ष के लोग नरेश और उसके बच्चों के साथ मारपीट गाली-गलौज कर रहे थे। नरेश के पिता नकली राम मोहल्ले के बुजुर्ग व्यक्ति होने के नाते दोनों पक्षों के मध्य आकर बीच बचाव कर रहे थे। आरोपी सुभाष,उसकी पत्नी,उसका लड़का दीपक और बिट्टू पुत्र रामचंद्र ने उनके पिता के साथ मारपीट शुरू कर दी थी। आरोप है कि ग्रामीण नकली के सिर में हथियार मारकर हत्या की कोशिश की थी। जिससे उसके पिता लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गए। उसी दौरान वहां पर प्रदीप, रामपाल, करण पाल व अन्य ग्रामीण मौजूद थे। उसके पिता की हालत गंभीर होने पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शिकायतकर्ता की लिखित शिकायत पर पुलिस ने सुभाष पुत्र बिशन,दीपक पुत्र सुभाष, और श्याम सिंह उर्फ बिट्टू पुत्र रामचंद्र निवासीगण मोहल्ला गुर्जरवाड़ा कस्बा लंढौरा थाना मंगलौर के खिलाफ घातक हथियार लेकर जानलेवा हमला कर मारपीट करने की धाराओं में केस दर्ज कराया था। अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्य में नौ गवाह पेश किए गए। मामले की सुनवाई के बाद जनपद न्यायाधीश कोर्ट ने आरोपी सुभाष,दीपक व श्याम सिंह उर्फ बिट्टू को को घातक हथियार से मारपीट करने के मामले में दोषी ठहराया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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