हरिद्वार। महाराणा प्रताप की जयंती के परिप्रेक्ष्य में मानव अधिकार संरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने एक वेबिनार आयोजित कर उन्हे याद किया। वेबिनार की अध्यक्षता ई मधुसूदन आर्य ने की। उन्होने कहा कि भारत के सबसे वीर योद्धा महारणा प्रताप सिंह का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ और 19 जनवरी 1587 में महाराणा प्रताप का निधन हुआ। महाराणा प्रताप को सन 1572 में मेवाड़ का शासक बनाया गया। महाराणा प्रताप राजपूत राजा राणा सांगा के पोते और राजा उदय सिंह द्वितीय और जयवंता बाई सोंगारा के पुत्र थे। मेवाड़ को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने कई युद्द लड़े और जीते। लेकिन सबसे प्रसिद्द युद्ध उन्होंने तत्कालीन मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ हल्दीघाटी का युद्द लड़ा। वह युद्द पर जाने से पहले 208 किलो का सुरक्षा कवच पहनते थे। उनके सबसे प्रिये घोड़े का नाम चेतक था, जो बड़ी बड़ी नदियों और बहुमंजिला इमारतों से भी छलांग लगा देता था। उदय पुर के सिटी पैलेस में महाराणा प्रताप से जुड़ी कई चीजों को सभागार में रखा गया है। महाराणा प्रताप ने अपना पूरा जीवन मेवाड़ की रक्षा और राष्ट्र को समर्पित किया। राष्टीªय महामंत्री विमल कुमार गर्ग ने कहा कि अपने जीवन को मातृभूमि की स्वतन्त्रता रूपी बलिवेदी पर सहर्ष निछावर करने वाले भारतीय सपूतों में महाराणा प्रताप का नाम अग्रगण्य है। अकबर के शासनकाल में जब अनेक हिन्दू राजा महाराजा मुगलों की अधीनता स्वीकार कर चुके थे,तब अकेले प्रताप ही ऐसे ओजस्वी एवं स्वाभिमानी राणा थे, जो जीवन की अन्तिम साँस तक जन्मभूमि चित्तौड़ की स्वाधीनता के लिए जूझते रहे। अकबर उनकी वीरता का लोहा मानता था। महाराणा प्रताप के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए किसी कवि ने ठीक ही कहा हैदृ माई एहड़ा पूत जण, जेहड़ा राणा प्रताप। अकबर सूतो ओझके, जाण सिराणे साँप। उपाध्यक्ष आर के गर्ग ने कहा कि अपूर्व साहसी,अतुल पराक्रमी, प्रचण्ड शौर्ययुक्त, हिमाद्रि सदृश्य धीरता और दृढ़ता से युक्त,स्वदेशाभिमानी, तपस्वी,रण कुशल,दृढ़ प्रतिज्ञ एवं मातृभूमि कौ गौरव गरिमा और स्वाधीनता की रक्षा हेतु अपने युग के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्य की शक्ति से अकेले ही जूझने टकराने वाले अमर सेनानी महाराणा प्रताप की चेतक पर सवार विशाल कांस्य प्रतिमा राजस्थान के स्वर्ग उदयपुर के मोती नगरी में अपस्थित है। गहनों से सजे धजे चेतक का तीन पाँव पर खड़ा होना जहाँ अत्यन्त शोभनीय है, वहाँ प्रताप की कमर में लटकती तलवार, हाथ का भाला और युद्ध पोशाक में वीरता टपकती है। राष्टीªय उपाध्यक्ष राजीव राय ने कहा कि महाराणा प्रताप का बलिदान और यह स्मारक शताब्दियों तक पतितों, पराधीनों और उत्पीड़ितों के लिए प्रकाश स्तम्भ रहा है और आगे भी रहेगा। राष्ट्रीय मंत्री जितेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि जब किसी के मन में अटूट देशभक्ति का विचार आता है, तो उसकी आंखों के सामने महाराणा प्रताप की छवि जीवंत हो जाती है। उत्तराखंड पश्चिम की प्रांतीय रेखा नेगी ने कहा कि भारत को महाराणा प्रताप पर हमेशा गर्व है और रहेगा। इस अवसर पर सुरेश चंद गुप्ता,डॉ पंकज कौशिक,हेमंत सिंह नेगी, कुलभूषण शर्मा,अन्नपूर्णा बंधुनी,डॉ प्रशांत कुमार,नानक चंद गोयल,जगदीश बावला,हरी सिंह शेखावत, अशोक कुमार गुप्ता,डॉ सपना बंसल,नूपुर पाल,प्रीति जोशी,गौरव जैन,शशि,इरा गुप्ता, नवीन बंसल तथा नीलम रावत,देहरादून जिला उपाध्यक्ष उपस्थित रही।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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