हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने दुर्घटना मृत्यु बीमा क्लेम धनराशि न देने के मामले में सचिव सहकारी गन्ना समिति ज्वालापुर व प्रबंधक इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को दोषी पाया है। आयोग ने उन्हें बीमा क्लेम धनराशि तीन लाख रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से क्षतिपूर्ति के रूप में 25 हजार रुपये व अधिवक्ता फीस के रूप में 10 हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता तरसेम सिंह चैहान ने बताया कि शिकायतकर्ता कलावती पत्नी स्व. कल्याण सिंह निवासी ग्राम अलीपुर बहादराबाद ने जिला उपभोक्ता आयोग में सचिव सहकारी गन्ना समिति लिमिटेड ज्वालापुर हरिद्वार व प्रबंधक इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वितीय तल वृंदावन टावर निकट एनसीआर प्लाजा देहरादून उत्तराखंड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसके पति कल्याण सिंह सहकारी गन्ना समिति ज्वालापुर के सदस्य चले आते थे। जिनके नाम गन्ने की पर्ची गन्ना विकास समिति के माध्यम से आती रही है। समिति के माध्यम से कृषक दुर्घटना बीमा इंश्योरेंस कंपनी इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस में कृषक दुर्घटना बीमा क्लेम के सदस्य चले आते थे। आठ जुलाई 2018 को शिकायतकर्ता के पति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद चार सितंबर 2018 को कृषक दुर्घटना बीमा क्लेम के भुगतान के संबंध में शिकायतकर्ता ने जरूरी अभिलेख सौंपते हुए बीमा क्लेम धनराशि की मांग की। शिकायतकर्ता ने दोनों पर पति की मृत्यु दुर्घटना क्लेम न देने का आरोप लगाया था। थक हारकर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी। शिकायत की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन सदस्य अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने सचिव गन्ना समिति व प्रबंधक बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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