हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के गेट मानसून सीजन शुरू होते ही पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में घूमने के लिए और वन्यजीवों का दीदार करने के लिए अब पर्यटकों को पांच महीने का इंतजार करना होगा। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के गेट प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर से लेकर 15 जून तक पर्यटकों के लिए खोले जाते हैं। 15 जून की शाम पांच बजे राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की विभिन्न रेंज के गेट पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं। पार्क की हरिद्वार रेंज स्थित रानीपुर गेट के दरवाजे वन क्षेत्र अधिकारी विजय सैनी की उपस्थिति में बंद किए गए। चीला रेंज के दरवाजे वन क्षेत्राधिकारी अनिल पैन्यूली की उपस्थिति में बंद किए गए। अब पांच महीने का मानसून सीजन बीतने के बाद ही 15 नवंबर 2022 को राजाजी पार्क की विभिन्न रेंजों के दरवाजे पर्यटकों के लिए खोले जाएंगे। हरिद्वार रेंज के वन क्षेत्राधिकारी विजय सैनी ने बताया कि मानसून सीजन में पार्क के रास्तों पर सफारी करने में तमाम तरह की दिक्कतें होती है। जिसके चलते 15 जून से लेकर 15 नवंबर तक पार्क के दरवाजे पर्यटकों के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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