हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने अवगत कराया कि शासनादेश संख्या-420 दिनांक 17 जून 2022 के द्वारा जनपद हरिद्वार में समस्त क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के पुनः परिसीमन किये जाने हेतु निम्न समय-सारणी निर्धारित की गई है। क्षेत्र पंचायतों,जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के पुनः परिसीमन हेतु प्रस्तावों की तैयारी 20से 22 जून तक, प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सूची का अनन्तिम प्रकाशन 23जून अनन्तिम प्रस्तावों पर आपत्तियां आमंत्रित करना 24.से 25.जून तक, आपत्तियों का निस्तारण 27.से 28 जून तक, अन्तिम प्रकाशन 30.जून क्षेत्र पंचायतों जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सूचियाँ निदेशालय उपलब्ध कराया जाना 01 जुलाई, सूचियां राज्य निर्वाचन को उपलब्ध कराया जाना 02.जुलाई तक। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि क्षेत्र पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सम्बन्ध में किसी भी कार्य दिवस में आपत्तियाँ विकास खण्ड कार्यालय,जिला पंचायतराज अधिकारी कार्यालय,मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय तथा जिलाधिकारी कार्यालय में की जा सकती है परन्तु जिला पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के सम्बन्ध में आपत्तियाँ किसी भी कार्य दिवस में जिला पंचायतराज अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा जिलाधिकारी कार्यालय में की जा सकेंगी। प्रश्नगत आपत्तियाँ शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर ही प्रस्तुत की जा सकेंगी। सभी प्रकार की आपत्तियों का निस्तारण समिति-जिलाधिकारी-अध्यक्ष,मुख्य विकास अधिकारी-सदस्य,अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत-सदस्य,जिला पंचायतराज अधिकारी-सदस्य एवं सचिव द्वारा किया जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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