हरिद्वार। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके शुक्रवार १७ जून को दिल्ली की जामा मस्जिद में जाकर इस्लामिक मौलानाओं और मुल्लाओ से शास्त्रार्थ की घोषणा की। उन्होंने इसके लिए एक वीडियो भी जारी किया। प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा की ये भारतवर्ष के नेताओ और सनातन के धर्मगुरुओ के लिए डूब कर मर जाने की बात है की पूरी दुनिया के मुस्लमान हिंदुओ पर उन्ही की किताबो में लिखी बातों को बोलने पर सर तन से जुदा करने का फतवा देते हैं। मुसलमानों ने जनसंख्या विस्फोट करके वस्तुतः इस देश पर कब्जा कर लिया है। अब हिंदुओ की स्थिति इस देश में बहुत खराब हो चुकी है। मुसलमान खुलेआम हमारे देवी देवताओं के मठ मंदिर तोड़ते हैं। हमारी आस्था पर हर तरह से प्रहार करते हैं परंतु हमारे लिए ना तो कोई बोलने वाला है और ना ही कोई आवाज उठाने वाला है। ये तो एक तरह से इस्लामिक गुलामी हम पर थोप दी गई है। कोई इसके विरुद्ध आवाज उठाए या ना उठाए पर मैं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी इस अन्याय और अत्याचार को सहन नहीं करूगा। कुरआन और इस्लामिक इतिहास की किताबे लेकर शुक्रवार १७ जून को दिल्ली की जामा मस्जिद जाऊंगा ताकि वहां पर उपस्थित लाखो मुसलमानों को बता सकूं की जो आज मोहम्मद और इस्लाम के बारे में बोला जा रहा है,वो सब उनकी अपनी किताबो में ही लिखा हुआ है। मैं जामा मस्जिद बिलकुल अकेला जाऊंगा ताकि इस्लामिक जिहाद से डरे और बिके हुए नेताओ को मुझ पर और मेरे साथियों पर कोई झूठा मुकदमा लगाने का मौका ना मिल सके। शुक्रवार १७ जून को सारी दुनिया के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। उन्होंने विज्ञप्ति में यह भी कहा की हो सकता है की जामा मस्जिद में इकठ्ठा हुए लोग अपनी ही किताबो से डरकर मेरी हत्या कर दे पर अब मुझे ये खतरा लेना ही पड़ेगा वरना इस देश में हिंदुओ की आजादी समय से पहले ही छीन जायेगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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