हरिद्वार। योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि हमने योग को एक खेल के रूप में तो प्रतिस्थापित कर दिया है, अब इसको ओलंपिक में लेकर जाना है और हमारा यह नवअभियान है। योगासन को खेलों में भी सम्मिलित किया जाए। हालांकि कुछ लोगों ने इसका विरोध किया है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसको स्वीकार किया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व दिवस पर योगाभ्यास के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए योगगुरू स्वामी रामदेव ने कही। सोमवार को योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की उपस्थिति में पतंजलि योगपीठ फेस 2 वेलनेस सेंटर में अनुयायियों, आचार्यकुलम और पतंजलि विश्वविद्यालय के बच्चों को खुद बाबा रामदेव ने योग की महत्ता बताई और योग कराया। बाबा रामदेव ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि देश को एक ऐसा व्यक्तित्व मिला है जो खुद योग करता है। देश में प्रधानमंत्री, अधिकतर मुख्यमंत्री और नेता, अभिनेता, सभी विवेकशील व्यक्ति योग करते हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि योग को घर-घर में पतंजलि के माध्यम से पहुंचाने के लिए भगवान ने हमें निमित्त बनाया। पूरी दुनिया में हम योग को लेकर के गए। 177 देशों के समर्थन से यूएन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा जब हुई, तब योग की तरफ लोगों का बड़ा ध्यान गया। रामदेव का कहना है कि योग दिवस पर 75 आईकॉनिक स्थानों पर 500 जिलों में, 5000 तहसीलों में और लाखों गांव में एक साथ हर गांव गली मोहल्ला से लोग बाहर निकलें। हमारा संकल्प है कि करीब 20-25 करोड़ लोग घरों से बाहर निकल कर के कर योग करें आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस हम सबके लिए गौरव की बात है क्योंकि योग भारत की विधा है और योग पूरी दुनिया में पहुंचता है तो भारत और भारतीयता के लिए इससे बढ़िया इससे गौरवशाली क्षण कोई नहीं हो सकता।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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