हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय ’वैदिक विज्ञान’ पर पुनश्चर्या कार्यक्रम रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन करने जा रहा है जोकि 19 जून से आरम्भ होकर 2 जुलाई तक चलेगा। इसमें आईआईटी रूड़की,देव संस्कृतिविश्वविद्यालय,गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय,उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय,पतंजलि आयुर्वेद कालेज,भारतीय शिक्षा बोर्ड,सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय इत्यादि के कुलपति प्रति कुलपति संकायाध्यक्ष रजिस्ट्रार एवम् वरिष्ठ आचार्य अपने विषयों पर व्याखयान करके सहभागी शिक्षकों का ज्ञानवर्धन करेंगे। वैदिक विज्ञान पर आधारित इस कार्यक्रम से शिक्षकों के पठन-पाठन के विकास एवं उनके पढ़ाने की गुणवत्ता को निखारना प्रमुख उद्देश्य रहेगा। स्वामी रामदेव का संकल्प है कि अपने देश की शिक्षा व्यवस्था उसकी पद्धति वैदिक के साथ-साथ आधुनिकता से युक्त हो। वरिष्ठ विद्वानों का एक समूह शिक्षा के आधुनिकीकरण की दिशा में य‘ा अनवरत अपना योगदान प्रदान कर रहा है। किसी भी उच्च शिक्षण संस्थानों में उस संस्थान के आचार्यों की विशेष भूमिका होती है। वह अपने विद्यार्थियों का निर्माण व विकास उसी तरह करते हैं जिस तरह एक कुम्हार मिटट्ी के बर्तन को आकार देता है। इन्हीं सभी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है जहाँ पर नये शिक्षक अनुभवी वरिष्ठ आचार्योे से नूतन ज्ञान प्राप्त करते है। उनके मार्गदर्शन से अपने शिक्षक जीवन का विकास करते हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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