हरिद्वार। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार से घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर देवपुरा चैक पर धरना-प्रदर्शन किया। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश शर्मा ने कहा कि कश्मीरी पंडितों में भय का माहौल है। कश्मीरी पंडितों को उच्चस्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए। नरेश शर्मा ने कहा कि 90 के दशक के बाद यह दूसरा मौका है जब घाटी में कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है। अब तक 17 कश्मीरी पंडित आतंकवादी हमले में मारे जा चुके हैं। आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार से कश्मीरी पंडितों के पुनः स्थापन के साथ उन्हें उच्च स्तरीय सुरक्षा की मांग करती है। आप के जिलाध्यक्ष संजय सैनी ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार कश्मीर मुद्दे पर असफल साबित हुई है। कश्मीर में तेजी से हालात बदल रहे है जो चिंताजनक हैं। आप की प्रदेश प्रवक्ता हेमा भण्डारी ने कहा कि घाटी में कश्मीरी पंडित धरना-प्रदर्शन को मजबूर है। यदि केंद्र सरकार ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आमआदमी पार्टी पूरे देश मे उग्र प्रदर्शन को बाध्य होगी। प्रदर्शन करने में अनिल सती,पूर्व प्रत्याशी ज्वालापुर ममता सिंह,पवन कुमार, राकेश लोहट,मयंक गुप्ता,शाहीन अशरफ,संजू नारंग,प्रवीण कुमार,रेखा देवी,अनुज कुमार,महावीर सिंह, दीप्ति चैहान,विशाल सैनी,संजय गौतम,पवन ठाकुर,नवीन मारया,तनुज शर्मा,डॉ.यूसुफ,खालिद हसन,एडवोकेट सचिन बेदी,रणधीर सिंह,किरण कुमार दुबे,विशाल कुमार,संदीप झाबरी,नीलम, कुर्बान अली,पवन ठाकुर,देवेंद्र कठैत,ललित वालिया,ओपी मिश्रा,दीपक कुमार,पवन बर्मन,देवेंद्र सिंह,सुरेंद्र बिरला,अशोक कुमार,अम्बरीष गिरी,बिरम पाल सिंह,खालिद हसन,श्रवण गुप्ता,मोतिन अब्बासी,मानोज कश्यप,विकास भारती,प्रमोद सैनी,निर्वाण सैनी,सुनील सैनी,नीलम रानी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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