हरिद्वार। कनखल स्थित हरेराम आश्रम के परामध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सदैव सत्य की राह पर चलना चाहिए। सत्य की राह पर चलने वालों पर ईश्वरीय कृपा सदैव बनी रहती है। जिससे जीवन सुखमय व्यतीत होता है और परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि सदैव परमार्थ के लिए प्रत्यनशील रहने वाले संत महापुरूष भक्तों का मार्गदर्शन कर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। संत महापुरूषों के सानिध्य में भक्त को ज्ञान की प्राप्ति होती है। जिससे वह सद्मार्ग पर चलते हुए समाज कल्याण में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मां गंगा देश का गौरव व करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बिन्दु है। देश विदेश से प्रतिवर्ष लाखों लोग गंगा स्नान के लिए हरिद्वार आते हैं। गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा की स्वच्छता, निर्मलता व अविरलता के प्रति सतर्क रहना चाहिए। किसी भी प्रकार की गंदगी गंगा में ना डालें। गंगा तटों पर भी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें और दूसरों को भी गंगा स्वच्छता के लिए प्रेरित करें। स्वामी कृष्ण मुनि महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि है। उत्तराखण्ड के कण-कण में देवों का वास है। जन-जन की आराध्या मां गंगा का उद्गम उत्तराखण्ड से होता है। पवित्र चारों धाम उत्तराखण्ड में स्थित हैं। इसलिए श्रद्धालु भक्तों का कर्तव्य है धार्मिक स्थानों की पवित्रता व मर्यादा बनाए रखने में योगदान करें। इस अवसर पर महंत केशव मुनि, महंत गोविंददास, महंत उमेश मुनि, महंत स्वामी परमेश्वर मुनि, नीलांबर खर्कवाल, भाजपा नेत्री अनीता शर्मा, प्रो.प्रेमचंद शास्त्री, जितेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment