हरिद्वार। श्री दक्षिण काली मंदिर में तंत्र सम्राट बाबा कामराज महाराज की जयंती श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। जयंती कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि विश्वविख्यात तंत्र सम्राट बाबा कामराज महाराज की कर्मभूमि श्री दक्षिण काली पीठ का लंबा इतिहास है। तपस्वी संत बाबा कामराज महाराज आज भी मंदिर क्षेत्र में विद्यमान हैं तथा भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। मंदिर में दर्शन व पूजा अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मां दक्षिण काली के साथ बाबा कामराज महाराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि आठ सौ वर्ष पूर्व बाबा कामराज महाराज द्वारा स्थापित सिद्ध पीठ श्री दक्षिण काली मंदिर में सच्चे हृदय से पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि मां काली की प्रेरणा से बाबा कामराज महाराज ने मंदिर की स्थापना की थी। मां काली ने उन्हें स्वप्न में इस मंदिर की स्थापना करने का निर्देश दिया था। इसी स्थान पर बाबा कामराज महाराज ने आल्हा और उनकी पत्नी मछला को दीक्षा दी थी। इस अवसर पर बाबा हठयोगी,स्वामी सत्यव्रतानंद,स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत रोहित गिरी,स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,कृष्णानंद ब्रह्मचारी,बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवन दत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे,लाल बाबा, स्वामी अनुरागी आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे। दूसरी ओर महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा कि विहिप की बैठक में ज्ञानवापी,मथुरा,काशी,कानपुर के अलावा कश्मीर और बंगाल पर विशेष चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि बंगाल की स्थिति सामान्य नहीं है, अधिवेशन बेहद महत्वपूर्व होने वाला है। यह बातें उन्होंने बाबा कामराज महाराज की जयंती पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि 11 और 12 जून को विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक मंडल की महत्वपूर्ण बैठक में देश भर से विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शन मंडल में शामिल सदस्य शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि बैठक के मुख्य एजेंडे में ज्ञानवापी,कश्मीर और बंगाल पर चर्चा होगी।
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