हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विवि के कन्या गुरुकुल परिसर भौतिक विभाग में विश्व महासागर दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा, पारिस्थतिकी संतुलन, जलवायु परिवर्तन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग इत्यादि विषयों पर विचार रखे। मानव जीवन में समुद्र से होने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया गया। ग्राफिक एरा के प्रो. संजीव कुमार ने वर्षा जल संचयन तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बरसाती पानी को कैसे एकत्रित कर सकते हैं। उन्होंने जल प्रबंधन के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकी विकल्प की भी जानकारी प्रदान की। लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ प्रोफेसनल स्टडीज इंदौर की डॉ. मीना वाधवानी ने प्रदूषण की रोकथाम और इसकी स्थिरता के लिए हरित रसायन का उपयोग करने के बारे में बताया। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय के प्रो. विनोद बाला तक्षक ने महासागर प्रदूषण के सबसे बड़ा खतरा में प्लास्टिक को बताया जो जल के लिए हानिकारक है। विवि के विज्ञान संकाय के डीन प्रो. एलपी पुरोहित ने विचार रखे। संगोष्ठी को आयोजन डा. ऋचा सैनी ने किया। संगोष्ठी में 50 स्नातक, परास्नातक, शोध छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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